भारत ने पाकिस्तान के साथ जंग के बीच बांग्लादेश को निपटाया, कर दी ये बड़ी स्ट्राइक

Published on: 10 May 2025 | Author: Reepu Kumari
कहते हैं सहने की भी एक हद होती है. भारत हमेशा शांति चाहता है. हमारा देश हमेशा से ही अहिंसा के रास्ते पर चलने पर विश्वास रखता है. वो सामने वाले को कई मौके देता है कि वो सुधर जाए. अपनी हरकतों से कुछ सीख ले. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है पाकिस्तान. पाकिस्तान को भारत ने कई मौके दिए लेकिन वो सुधरने की जगह पर भारत को पुलवामा, 26/11 हमला तो कभी पहलगाम जैसे घाव दिए हैं. वो तो देश का धर्य है जिसकी वजह से अभी तकआतंक को पालने पोसने वाला आतंकियों का पापा आतंकिस्तान दुनिया के मानचित्र में नजर भी आ रहा है. नहीं तो आज हमारा देश इतना मजबूत है कि चाहे तो एक झटके में ही उसका नामोनिशान मिटा सकता है.
अब भारत शांत नहीं रह सकता है. अगर भारत को शांत रहना आता है तो अपनी मातृभूमि के लिए दुश्मन को खाक करने की भी दुमत रखता है. जो-जो भारत को आंख दिखाएगा उसे वो नहीं छोड़ेगा. पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश को भी भारत जवाब दे रहा है. बांग्लादेश के 4 टीवी चैनलों को भारत ने बैन कर दिया है. इसके पीछे की वजह है भारत के खिलाफ गलत प्रोपेगेंडा फैलाना.
इन टीवी चैनलों पर चला डंडा
जमुना टीवी, एकटोर टीवी, बांग्लाविज़न और मोहोना टीवी - अब भारत के अंदर मौजूद नहीं है. स्थानीय डिजिटल निगरानी संस्था डिस्मिसलैब के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए, भारत सरकार के अनुरोध के बाद यूट्यूब ने भारत में कम से कम चार बांग्लादेशी टेलीविजन चैनलों तक पहुंच प्रतिबंधित कर दी है.
क्यों हुआ भारत में बैन?
वीपीएन परीक्षण और डिस्मिसलैब द्वारा पुष्टि के माध्यम से सत्यापित जियो-ब्लॉक पूरे भारत में प्रभावी पाया गया. सत्यापन प्रक्रिया में भारतीय आईपी एड्रेस का उपयोग करने वाले 38 बांग्लादेशी मीडिया चैनलों की मैन्युअल जांच शामिल थी, जिससे पुष्टि हुई कि ये चार चैनल अप्राप्य थे. नई दिल्ली और कोलकाता के पत्रकारों ने भी इस प्रतिबंध की पुष्टि की. जमुना टीवी ने यूट्यूब से एक आधिकारिक नोटिस प्राप्त होने की पुष्टि की है, जिसमें कहा गया है कि उसकी मौजूदा सामग्री, साथ ही भविष्य में अपलोड की जाने वाली सामग्री, सरकारी निर्देश के कारण भारत में अवरुद्ध रहेगी.
नोटिस में स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को इस कदम को हटाने का कारण बताया गया. यह घटनाक्रम पाकिस्तान में कथित आतंकवादी शिविरों के खिलाफ भारतीय सैन्य कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बढ़े क्षेत्रीय तनाव के बीच हुआ है. इस ऑपरेशन ने भारतीय मीडिया में तीव्र राष्ट्रवादी कवरेज को जन्म दिया है, तथा यह भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन सामग्री पर प्रतिबंधों की व्यापक लहर के साथ मेल खाता है.
बांग्लादेशी मीडिया को ब्लॉक
9 मई को, स्वतंत्र भारतीय समाचार आउटलेट द वायर ने खबर दी कि उसकी वेबसाइट को देश भर में ब्लॉक कर दिया गया है.
इसके अतिरिक्त, मकतूब मीडिया, द कश्मीरियत और फ्री प्रेस कश्मीर जैसे स्वतंत्र आउटलेट्स से संबंधित 8,000 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को कथित तौर पर भारत सरकार द्वारा ब्लॉक कर दिया गया था.
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत ऐसे आदेशों को लागू करता है, जो सरकार को राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक समझी जाने वाली सामग्री को ब्लॉक करने के लिए प्लेटफार्मों को निर्देश देने का अधिकार देता है.
बांग्लादेशी मीडिया को ब्लॉक करना डिजिटल सेंसरशिप के व्यापक चलन के बीच हुआ है. अकेले 2023 में, भारत ने Google को 3,868 कंटेंट हटाने के अनुरोध प्रस्तुत किए, और पिछले एक दशक में, देश ने YouTube सहित Google प्लेटफ़ॉर्म से 115,000 से अधिक कंटेंट हटाने का अनुरोध किया है.