India-Pakistan Tension: पाकिस्तान से युद्ध की आहट के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का हुआ पुनर्गठन, जानें क्या हुआ फेरबदल?

Published on: 30 Apr 2025 | Author: Garima Singh
भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) का पुनर्गठन किया है, जिसके तहत पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. यह कदम देश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है. बोर्ड में सात सदस्य शामिल हैं, जिनमें सैन्य और प्रशासनिक क्षेत्रों के अनुभवी अधिकारी हैं.
नए बोर्ड में पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना जैसे सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी शामिल हैं. इसके अलावा, भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह, साथ ही भारतीय विदेश सेवा से सेवानिवृत्त बी वेंकटेश वर्मा भी बोर्ड का हिस्सा हैं. यह विविधता बोर्ड को राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श करने में सक्षम बनाएगी.
The Government has revamped the National Security Advisory Board.
— ANI (@ANI) April 30, 2025
Former R&AW chief Alok Joshi has been appointed as its Chairman. Former Western Air Commander Air Marshal PM Sinha, former Southern Army Commander Lt Gen AK Singh and Rear Admiral Monty Khanna are the retired… pic.twitter.com/bMqOiIK9TC
पहलगाम हमले के बाद त्वरित कार्रवाई
यह पुनर्गठन पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद किया गया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हुए थे. इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक बुलाई गई. इसके साथ ही राजनीतिक और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समितियों की बैठकें भी आयोजित की गईं. आज शाम 4 बजे इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी. सीसीएस की दूसरी बैठक में पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा तैयारियों पर विस्तृत चर्चा हुई. पिछली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी, जिसमें इस हमले की जानकारी साझा की गई थी.
सरकार और सुरक्षाबल एक्शन मोड में
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार और सुरक्षाबल पूरी तरह से एक्शन मोड में हैं. सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा निरस्त कर उन्हें देश छोड़ने का निर्देश दिया. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल आतंकवादियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं. सरकार का यह सख्त रुख आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है.