केरल: ईसाइयों और वक्फ बोर्ड के बीच विवाद का केंद्र बनी मुनंबम सीट से NDA जीती
Published on: 13 Dec 2025 | Author: Km Jaya
एर्नाकुलम: केरल के एर्नाकुलम जिले के मुनंबम क्षेत्र में स्थानीय निकाय चुनाव में एनडीए को बड़ी जीत मिली है. यह इलाका बीते कई वर्षों से वक्फ बोर्ड और स्थानीय ईसाई परिवारों के बीच जमीन विवाद को लेकर चर्चा में रहा है. एनडीए की यह जीत राजनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है क्योंकि यह क्षेत्र पहले कांग्रेस के कब्जे में था.
मुनंबम में 2019 के बाद से विवाद तब शुरू हुआ था जब केरल वक्फ बोर्ड ने यहां की करीब 404 एकड़ जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था. इस फैसले के बाद यहां रहने वाले लगभग 500 ईसाई परिवारों पर बेदखली का खतरा मंडराने लगा. इन परिवारों का कहना है कि वे दशकों से इस जमीन पर रह रहे हैं और उनके पास वैध दस्तावेज मौजूद हैं.
Historic victory for NDA in the Munambam ward in local body elections, where 500 Christian families face the threat of eviction due to illegal claims by Waqf.
— Anoop Antony Joseph (@AnoopKaippalli) December 13, 2025
Modi ji's govt and BJP stood with the Munambam people in fighting the Waqf, and they have now chosen BJP as their… pic.twitter.com/6h4n9ux1hO
कितने दिनों से चल रहा प्रदर्शन?
जमीन विवाद के खिलाफ मुनंबम लैंड प्रोटेक्शन काउंसिल के बैनर तले लोग करीब 400 से ज्यादा दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि उनकी जमीन पर राजस्व अधिकार बहाल किए जाएं और उनसे फिर से भूमि कर लिया जाए, जिसे सरकार ने रोक दिया था.
एनडीए की जीत के बाद भाजपा के केरल महासचिव अनूप एंटनी जोसेफ ने इसे ऐतिहासिक जीत बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा मुनंबम के लोगों के साथ वक्फ बोर्ड के खिलाफ खड़ी रही और जनता ने उसी को अपना जनादेश दिया है.
BJP के लिए क्यों माना जा रहा राजनीतिक संबल?
यह जीत भाजपा के लिए 2026 के केरल विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा राजनीतिक संबल मानी जा रही है. केरल में अब तक भाजपा को सीमित सफलता ही मिली है, ऐसे में मुनंबम का परिणाम पार्टी के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है. इसके साथ ही तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भी एनडीए की स्थिति मजबूत बताई जा रही है, जहां कांग्रेस सांसद शशि थरूर का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है.
चर्चा में कब आया यह मामला?
मुनंबम का मामला तब और चर्चा में आया जब केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया. इस कानून के तहत वक्फ संपत्तियों के नियमन में सरकार की भूमिका बढ़ाई गई. इस दौरान मुनंबम के ईसाई परिवारों का आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया.
पहले इन परिवारों ने स्थानीय चुनावों के बहिष्कार का फैसला किया था, लेकिन बाद में वे चुनाव प्रक्रिया में शामिल हुए. यह फैसला केरल हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद आया, जिसमें मुनंबम की जमीन को वक्फ संपत्ति मानने से इनकार किया गया था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.