ड्रोन से लेकर पैराग्लाइडर्स तक, 3 जून तक कई उड़ने वाली डिवाइस पर लगा बैन, 'रेड जोन' में मुंबई

Published on: 14 May 2025 | Author: Reepu Kumari
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने ड्रोन संचालन के लिए मुंबई को रेड ज़ोन घोषित कर दिया है, जिससे अनधिकृत ड्रोन उड़ाना गंभीर उल्लंघन माना जाता है. निर्देश के बावजूद एक शख्स नियम का उल्लंघन करता नजर आया. रविवार 11 मई को मुंबई के पवई इलाके में एक 23 साल के युवक को ड्रोन उड़ाते पकड़ा गया.
मुंबई पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए 3 जून (मंगलवार) तक पूरे शहर में ड्रोन और अन्य रिमोट कंट्रोल वाले उड़ने वाले उपकरणों के इस्तेमाल पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है.ग्रेटर मुंबई के पुलिस कमिश्नर ने यह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है.
निम्नलिखित उपकरणों पर प्रतिबंध रहेगा
- ड्रोन
- रिमोट नियंत्रित माइक्रोलाइट विमान
- पैराग्लाइडर्स
- पैरामोटर्स
- हैंड ग्लाइडर
- गरम हवा के गुब्बारे
- हवाई उपकरण
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने ड्रोन संचालन के लिए मुंबई को 'रेड ज़ोन' घोषित किया है, जिससे अनधिकृत ड्रोन उड़ाना गंभीर उल्लंघन माना जाता है. निर्देश के बावजूद, रविवार (11 मई) को मुंबई के पवई इलाके में एक 23 वर्षीय व्यक्ति ड्रोन उड़ाते पकड़ा गया. घटना के बाद, उस व्यक्ति पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
मुंबई में ड्रोन उड़ाने के आरोप में एक व्यक्ति पर मामला दर्ज
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले हुए थे. उसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव का माहौल बना हुआ था. इस हमले में एक नेपाली नागरिक की भी जान चली गई थी. इसके साथ ही कुल 26 नागरिकों को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिए थे.
ऑपरेशन सिंदूर
इसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई (बुधवार) की सुबह 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी मानवरहित हवाई प्रणालियों, ड्रोन और लड़ाकू वाहनों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर हमले किए हैं. हालांकि, भारत की वायु रक्षा प्रणालियों ने पाकिस्तानी के हर हवाई प्रणालियों, ड्रोन और लड़ाकू हमलों को ढेर कर दिया.
इनमें जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, अमृतसर, बठिंडा, डलहौजी और जैसलमेर शामिल थे.ये हमले लगभग एक साथ हुए और एक के बाद एक हुए.'
एयर मार्शल भारती ने कहा, 'हमारी सभी वायु रक्षा बंदूकें और अन्य प्रणालियाँ उनका इंतजार कर रही थीं. इन सभी तरंगों को हमारे प्रशिक्षित दल ने अपनी वायु रक्षा प्रणालियों का उपयोग करके बेअसर कर दिया, और उनमें से कुछ का उपयोग पिकोरा, आईएएफ समर जैसी हमारी विरासत प्रणालियों का उपयोग करके भी किया गया.इन घुसपैठों और पाकिस्तानी पक्ष की ओर से इन सामूहिक हमलों से जमीन पर कोई नुकसान नहीं हुआ.'