ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर कहर बनकर उतरे ये हथियार, दुश्मन के 600 से ज़्यादा ड्रोन हुए तबाह
Published on: 17 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
भारतीय आर्मड फोर्सेज की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ लॉंच किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी सेना के 600 से ज्यादा ड्रोनों को रोककर नष्ट कर दिया, जो भारत के शहरों पर जवाबी हमले की कोशिश में थे. यह कार्रवाई भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों के जवाब में शुरू की गई थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी ड्रोनों की लगातार घुसपैठ के जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने नियंत्रण रेखा (LoC) से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) तक 1000 से अधिक विमान-रोधी तोपों को तैनात कर एक व्यापक वायु रक्षा छत्र सक्रिय किया. इस रक्षा तंत्र को 750 से अधिक छोटी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणालियों ने और मजबूती दी, जो बड़े हवाई खतरों से निपटने के लिए डिज़ाइन की गई हैं. आकाश तीर प्रणाली ने इस एकीकृत रक्षा तंत्र की प्रभावशीलता को बढ़ाया, जो भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले हर हवाई टारगेट को ट्रैक करती थी और सूचनाओं को एयर डिफेंस बैटरियों तक पहुंचाती थी.
भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम की मजबूत रणनीति
सूत्रों के अनुसार, कुछ महीने पहले आकाश तीर और वायुसेना की एकीकृत हवाई कमान और नियंत्रण प्रणाली (IACCS) को आकाश तीर परियोजना के तहत जोड़ा गया था. जैसे ही कोई पाकिस्तानी ड्रोन या मिसाइल भारतीय सीमा में प्रवेश करता, IACCS तुरंत सूचना को आकाश तीर कमांड पोस्ट तक पहुंचाता और उपयुक्त रक्षा हथियार की सिफारिश करता. इस त्वरित सूचना ने हर हवाई खतरे का तुरंत जवाब सुनिश्चित किया.
जानिए भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम में कौन-कौन से हथियार थे शामिल?
भारत की वायु रक्षा में शामिल प्रमुख हथियारों में निम्नलिखित शामिल थे.
एल-70 एयर डिफेंस गन: मूल रूप से 1970 के दशक में स्वीडन से खरीदी गई इस गन की फायर रेट 300 राउंड प्रति मिनट से अधिक है और इसकी प्रभावी रेंज 3 से 4 किलोमीटर है. हाल ही में किए गए अपग्रेड ने इन गन को बेहतर हाई-रिज़ॉल्यूशन सेंसर, कैमरे और रडार सिस्टम से लैस किया है, जिससे आधुनिक हवाई खतरों के खिलाफ दिन और रात ऑपरेशन करना संभव हो गया है.
ज़ू-23 मिमी गन: 1980 के दशक की शुरुआत में रूस से खरीदी गई यह ट्विन-बैरल गन प्रति मिनट 3200 से 4000 राउंड (प्रति बैरल 1600-2000 राउंड प्रति मिनट) फायर कर सकती है. मैन्युअल रूप से संचालित होने पर, यह 2 से 2.5 किलोमीटर तक की दूरी तक फायर का घना घेरा प्रदान करती है.
शिल्का गन सिस्टम: यह सिस्टम ज़ू-23 की दो 23 मिमी स्वचालित तोपों को एक ट्रैक्ड, स्व-चालित प्लेटफ़ॉर्म पर एकीकृत करता है. हर वाहन में दो ज़ू-23 मिमी गन के साथ, शिल्का प्रति मिनट 8000 राउंड की चौंका देने वाली फ़ायर कर सकता है. इसका ट्रैक्ड डिज़ाइन विभिन्न इलाकों में उच्च गतिशीलता और अनुकूलनशीलता सुनिश्चित करता है.
जानें भारत ने क्यों लॉंच किया 'ऑपरेशन सिंदूर'?
दरअसल, भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर सैन्य अभियान शुरू किया था. यह हमला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा 26 नागरिकों, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे, जिनकी हत्या के एक पखवाड़े बाद किया गया था.
'ऑपरेशन सिंदूर' नामक सटीक हमले के तुरंत बाद, पाकिस्तानी सेना ने जैसलमेर और अमृतसर से लेकर श्रीनगर और बारामुल्ला तक भारतीय शहरों को निशाना बनाकर ड्रोन हमलों की बौछार शुरू कर दी. हालांकि, 10 मई को जब पाकिस्तान ने भारत से शांति वार्ता की मांग की, तो सैन्य स्तर पर चर्चा हुई और दोनों देश सीमा पार संघर्ष विराम पर सहमति पर पहुँचे.