Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर हमले पर गुस्सा, पाक हिंदू शरणार्थियों ने उठाई सख्त कार्रवाई की मांग

Published on: 29 Apr 2025 | Author: Ritu Sharma
Pakistani Hindu Refugees: भारत में शरण लेकर रह रहे पाकिस्तानी सिंधी हिंदू समुदाय के कई परिवार जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. नागरिकता का इंतजार कर रहे इन शरणार्थियों को डर है कि हमले के बाद भारत सरकार के सख्त कदमों के चलते कहीं उन्हें निर्वासित न कर दिया जाए. हालांकि भारत सरकार ने साफ किया है कि दीर्घकालिक, राजनयिक और आधिकारिक वीजा धारकों को देश छोड़ने की जरूरत नहीं है.
आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
बता दें कि सिंधी हिंदू शरणार्थी संदीप कुमार ने कहा, ''मेरा परिवार सिंध में कभी सुरक्षित नहीं रहा, क्योंकि हम अल्पसंख्यक थे. मेरी मां और बहनें भारत आ गईं और हमने नागरिकता के लिए आवेदन किया है. जब पहलगाम हमले के बारे में सुना तो हमने इसकी तीखी निंदा की और आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की.'' संदीप ने बताया कि हमले के बाद जब पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश आया, तो वे काफी घबरा गए थे. लेकिन बाद में दीर्घकालिक वीजा धारकों को राहत मिली और वे भारत में रह सकते हैं.
शरणार्थियों की मदद कर रहा भारतीय सिंधु सभा संगठन
बताते चले कि उल्हासनगर स्थित 'भारतीय सिंधु सभा' पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को दीर्घकालिक वीजा और भारतीय नागरिकता दिलाने में मदद कर रहा है. संगठन के प्रमुख महेश सुखरामानी ने बताया कि अब तक 110 शरणार्थियों को नागरिकता मिल चुकी है और 400 से अधिक आवेदन प्रक्रियाधीन हैं. उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान से लौटने वाले लॉन्ग टर्म वीजा धारकों को अटारी-वाघा सीमा पर भारत में फिर से प्रवेश दिया गया है. इसके लिए हम भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं.''
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा डर
पहलगाम आतंकी हमले के दिन ही सात पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी भारत पहुंचे थे. लेकिन हमले के बाद अल्पकालिक वीजा धारकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं. उल्हासनगर पहुंचे दो परिवारों के सात सदस्य अभी भी दीर्घकालिक वीजा के लिए प्रयास कर रहे हैं.
'भारत में सुरक्षित हैं', बोले ललित कुमार
इसके अलावा, पाकिस्तान से आए ललित कुमार ने कहा, ''हम भारत इसलिए आए क्योंकि पाकिस्तान में हमारा रहना मुश्किल था. आतंकवाद ने हालात और खराब कर दिए थे. पहलगाम हमला बेहद निंदनीय है, दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.'' उन्होंने आगे कहा, ''हम डरे हुए थे, लेकिन जब सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि दीर्घकालिक वीजा वाले भारत में रह सकते हैं, तो हमें राहत मिली.''