'आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान ने आखिरी मौका गंवा दिया था', न्यूयॉर्क में पठानकोट हमले को याद कर गरजे शशि थरूर

Published on: 25 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने न्यूयॉर्क में एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 2016 के पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकी हमले को याद किया. थरूर भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का प्रतिनिधित्व करने वाली बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे.
पाकिस्तान ने आखिरी मौका गंवाया
थरूर ने दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान की आश्चर्यजनक यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यह इस्लामाबाद के लिए आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता दिखाने का अंतिम अवसर था. उन्होंने जांच की प्रक्रिया की आलोचना की और बताया कि पाकिस्तानी जांचकर्ताओं को भारतीय वायुसेना अड्डों पर आने की अनुमति दी गई, लेकिन वे वापस जाकर भारत को ही दोषी ठहरा गए. थरूर ने कहा, "जनवरी 2016 में भारतीय वायुसेना अड्डे पर हमला हुआ था, और हमारे प्रधानमंत्री ने पिछले महीने दिसंबर 2015 में पाकिस्तान का दौरा किया था... जब यह हुआ, तो वे इतने हैरान हुए कि उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को फोन किया और कहा, क्यों न आप जांच में शामिल हों? हम मिलकर इसका हल करें... भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान के लिए यह भयावह था कि पाकिस्तानी जांचकर्ता भारतीय हवाई ठिकानों पर आएंगे, लेकिन वे आए और वापस पाकिस्तान जाकर बोले कि सारा कुछ भारतीयों ने खुद किया... मेरे लिए 2015 उनके लिए व्यवहार करने, सहयोग करने और आतंकवाद खत्म करने की गंभीरता दिखाने का आखिरी मौका था."
2016 में हुआ था पठानकोट हमला
बता दें कि 25 दिसंबर 2015 को पीएम मोदी ने पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात की थी और अगले ही महीने पठानकोट में हमला हो गया था. इस मुठभेड़ में चारों आतंकी और दो भारतीय सुरक्षाकर्मी मारे गए, जबकि एक अन्य अधिकारी घायल होकर बाद में शहीद हो गया था.
हम कुछ शुरू नहीं करना चाहते थे
थरूर ने न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "हम कुछ शुरू नहीं करना चाहते थे. हम सिर्फ आतंकवादियों को संदेश दे रहे थे." भारत ने सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों को 33 वैश्विक राजधानियों में भेजा है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने X पर लिखा, "भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की घोषणा में एकजुट है." बहरीन में एक प्रतिनिधिमंडल ने उप-प्रधानमंत्री शेख खालिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा को सीमा-पार आतंकवाद के खतरे के बारे में बताया. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "हमारी सरकार ने हमें और विभिन्न दलों के प्रतिनिधिमंडलों को दुनिया भर में भेजा है ताकि दुनिया भारत के सामने आने वाली आतंकी चुनौतियों को जाने."