Incredible India: गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया अमेरिकी ट्रैवल व्लॉगर, भारत की ट्रेन में सफर कर हुई ऐसी हालत, वीडियो में बताई दर्दनाक कहानी

Published on: 05 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
भारत घूमने आए अमेरिकी कंटेंट क्रिएटर निक मैडॉक के लिए भारत की ट्रेन में घूमना मुसीबत बन गया. भारत की ट्रेन में मात्र 15 घंटे का सफर करने से उन्हें गंभीर सांस का संक्रमण हो गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर उन्होंने अपनी आपबीती बयां की है. निक ने वाराणसी से न्यू जलपाईगुड़ी के लिए 15 घंटे का सफर ट्रेन से किया था. उन्होंने बताया कि अपने छह साल के यात्रा अनुभव में यह उनका सबसे गंदा सफर था. उन्होंने कसम खाई कि वह फिर कभी भारत की ट्रेनों में सफर नहीं करेंगे.
थर्ड एसी में गंदगी से बुरा हाल
निक ने अस्पताल से एक वीडियो शेयर किया, जिसमें लिखा था, "भारतीय स्लीपर ट्रेन लो, यह एक अनुभव होगा." उन्होंने बताया कि वे वाराणसी से न्यू जलपाईगुड़ी तक थर्ड ऐसी कोच में यात्रा कर रहे थे. मिसूरी के इस व्लॉगर ने लिखा, "मैं भारत से प्यार करता हूं. यहां के लोग गर्मजोशी भरे हैं, प्राकृतिक दृश्य अनंत हैं, और इतिहास समृद्ध है. लेकिन मेरी 15 घंटे की ट्रेन यात्रा सबसे गंदी थी. कोई उच्च श्रेणी उपलब्ध नहीं थी. ऐसा नहीं होना चाहिए."
हुआ सांस का संक्रमण
निक वर्तमान में भूटान के एक अस्पताल में इलाजरत हैं. उन्होंने लिखा, "तीन दिन बाद भूटान में मुझे गंभीर श्वसन संक्रमण का पता चला. मैं अब ठीक हूं, लेकिन पूरी तरह स्वस्थ होने में समय लगेगा." उन्होंने ट्रेन के वॉशरूम का वीडियो भी शेयर किया, जिसमें गंदगी और अस्वच्छता साफ दिख रही थी. वीडियो में लिखा था, "उसे अभी नहीं पता, लेकिन 72 घंटे बाद वह अस्पताल में होगा."
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और विवाद
निक ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट में लिखा, "15 घंटे की भारतीय ट्रेन यात्रा मजेदार होगी, उन्होंने कहा." वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद कुछ लोगों ने सहानुभूति दिखाई, तो कई ने उनकी यात्रा पसंद की आलोचना की. एक यूजर ने लिखा, "ज्यादातर पर्यटक एशिया के गरीब इलाकों में जाते हैं और पूरे देश को ऐसा बता देते हैं." एक अन्य ने कहा, "अगली बार बजट बढ़ाकर फर्स्ट क्लास बुक करें." निक ने जवाब दिया, "क्या ट्रेन के फर्श पर गंदगी और वॉशबेसिन में उल्टी को उजागर करने के लिए इतना गुस्सा जायज है?" उन्होंने कहा, "भारत के लोग बहुत दयालु और स्वागत करने वाले थे. मैं कीबोर्ड वॉरियर्स को अपनी अच्छी धारणा बदलने नहीं दूंगा."