Earthquake: एक ही दिन में दो झटके, जम्मू-कश्मीर और गुजरात में कांपी धरती; भूकंप के झटकों से दहशत में लोग

Published on: 03 May 2025 | Author: Ritu Sharma
Earthquake tremors in Jammu-Kashmir and Gujarat: देश के दो प्रमुख क्षेत्रों, जम्मू-कश्मीर और गुजरात में शुक्रवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. साथ ही लेह-लद्दाख क्षेत्र में भी धरती हिली. राहत की बात ये रही कि इन झटकों से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन लोगों में कुछ देर के लिए दहशत का माहौल जरूर बन गया.
गुजरात में 3.4 तीव्रता का भूकंप
गुजरात में शुक्रवार देर रात 3.4 तीव्रता का भूकंप आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, झटके हल्के थे लेकिन कुछ इलाकों में कंपन महसूस की गई. गुजरात वैसे भी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील राज्य माना जाता है.
जम्मू-कश्मीर में 2.7 तीव्रता के झटके
इसी रात जम्मू-कश्मीर में भी धरती कांपी. यहां भूकंप की तीव्रता 2.7 मापी गई. हालांकि इसका केंद्र सतह के काफी नीचे होने के कारण झटके हल्के रहे और किसी तरह की क्षति नहीं हुई.
EQ of M: 2.7, On: 03/05/2025 02:29:47 IST, Lat: 32.95 N, Long: 75.76 E, Depth: 5 Km, Location: Doda, Jammu and Kashmir.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) May 2, 2025
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लद्दाख में 3.9 तीव्रता, लोगों ने महसूस की कंपन
लेह-लद्दाख में भी भूकंप ने दस्तक दी. यहां रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.9 रही. लोगों ने रात के समय हल्का कंपन महसूस किया, जिससे कुछ देर के लिए बाहर निकलने की अफरातफरी मच गई.
EQ of M: 3.9, On: 02/05/2025 23:56:00 IST, Lat: 34.55 N, Long: 78.85 E, Depth: 10 Km, Location: Leh Ladakh, Ladakh.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) May 2, 2025
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गुजरात में भूकंप का इतिहास चिंताजनक
गुजरात स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (GSDMA) के अनुसार, राज्य भूकंप के खतरे की दृष्टि से हाई रिस्क जोन में आता है. पिछले 200 सालों में यहां 9 बड़े भूकंप आ चुके हैं. सबसे भयानक 26 जनवरी 2001 को कच्छ में आया था, जिसमें 13,800 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और 1.67 लाख लोग घायल हुए थे.
भूकंप की तीव्रता का क्या मतलब है?
- 0–1.9: सिर्फ सीस्मोग्राफ पर दर्ज
- 2–2.9: बहुत हल्का कंपन
- 3–3.9: भारी वाहन के गुजरने जैसा एहसास
- 4–4.9: सामान गिर सकता है
- 5–5.9: फर्नीचर हिलने लगता है
- 6–6.9: इमारतों में दरारें
- 7–7.9: भवनों का गिरना तय
- 8 या अधिक: भारी तबाही, सुनामी का खतरा
भूकंप क्यों आते हैं?
बताते चले कि पृथ्वी की सतह के अंदर होने वाली टेक्टोनिक हलचलों की वजह से जब प्लेट्स टकराती हैं, तो ऊर्जा का विस्फोट होता है और कंपन के रूप में ये ऊर्जा बाहर निकलती है. भारत में हिमालयी क्षेत्र इसकी सबसे बड़ी वजह है, जहां भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के बीच लगातार टकराव होता रहता है.