पाकिस्तान ने चीन के लड़ाकू विमानों से भारत पर किया हमला? चीनी विदेश मंत्री ने छिपाया सच!

Published on: 08 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
पाकिस्तान और पीओके में भारत के मिसाइल हमले के बाद चीन ने पाकिस्तानी जेट विमानों के उपयोग पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह इस मामले से “परिचित नहीं है.” यह बयान चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में अपनी दैनिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान दिया. यह प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चीनी जेट विमानों का इस्तेमाल किया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की यह तिक्रिया पाकिस्तान के आधिकारिक बयान से पूरी तरह उलट है. यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है और क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में चीन की ओर नहीं जानकारी होने वाला बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में सुर्खियों का मुद्दा बन गया है. गौरतलब है कि, पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने चीन के बनाए J-10 सी एयर क्राफ्ट से भारत पर अटैक किया है. इस हमले के दौरान चीनी राजदूत सुबह 4 बजे तक पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में ही मौजूद थे. बता दें कि, पाकिस्तान ने राफेल के जवाब में चीनी जे-10 विमान को खरीदा है.
China's foreign ministry said that it was "not familiar with the matter" when asked whether Chinese jets were involved in the India-Pakistan conflict after India hit Pakistan and PoK with missiles the day before, reports Reuters
Chinese foreign ministry spokesperson Lin Jian was… pic.twitter.com/ukH4soBljI
— ANI (@ANI) May 8, 2025
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का दावा
दरअसल, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि पाकिस्तान ने अपने अभियानों में स्थानीय स्तर पर असेंबल किए गए चीनी JF-17 और JF-10 जेट विमानों का उपयोग किया. उन्होंने कहा, “अगर भारत फ्रांस से विमान खरीदकर उनका उपयोग कर सकता है, तो हम भी चीन, रूस, अमेरिका या यूके से विमान खरीदकर उनका उपयोग कर सकते हैं.” यह बयान भारत के मिसाइल हमले के बाद पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों को दर्शाता है.
भारत की आक्रामक कार्रवाई
भारत ने एक दिन पहले पाकिस्तान और पीओके में मिसाइल हमले कर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. इस कार्रवाई ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया. चीन का इस मामले में तटस्थ रुख अपनाना कई सवाल खड़े करता है, क्योंकि पाकिस्तान लंबे समय से चीनी सैन्य उपकरणों का उपयोग करता रहा है.