पाकिस्तान से गरम माहौल के बीच चीन ने भारत समेत उड़ाई पूरी दुनिया की नींद, DeepSeek AI की मदद से बना रहा एडवांस्ड वॉरप्लेन

Published on: 04 May 2025 | Author: Gyanendra Tiwari
China Making Aircraft Using DeepSeek AI: चीन अपनी रक्षा तकनीक को और उन्नत करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का सहारा ले रहा है. एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, चीन डीपसीक एआई का उपयोग करके अत्याधुनिक युद्धक विमानों के डिजाइन और विकास में तेजी ला रहा है. यह तकनीक न केवल जटिल समस्याओं को हल करने में मदद कर रही है, बल्कि शोधकर्ताओं का काम भी आसान बना रही है.
यह भारत के लिए कहीं न कहीं चिंता का विषय है. इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच खटास संबंध चल रहे हैं. चीन का झुकाव भी पाकिस्तान की ओर है.
युद्धक विमान को बनाने के लिए चीन कर रहा DeepSeekAI का इस्तेमाल
शेनयांग एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट के प्रमुख डिजाइनर वांग योंगकिंग ने बताया कि उनकी टीम डीपसीक एआई का उपयोग नए और उन्नत विमान बनाने में कर रही है. यह तकनीक जटिल डिजाइनों को समझने और नई तकनीकों को विकसित करने में सहायक सिद्ध हो रही है. वांग ने कहा कि डीपसीक जैसे बड़े भाषा मॉडल (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) का उपयोग करके उनकी टीम ने कई कठिन समस्याओं का समाधान खोजा है. यह तकनीक भविष्य के विमानन शोध के लिए नए रास्ते खोल रही है.
शोधकर्ताओं का काम हुआ आसान
डीपसीक एआई के उपयोग से शोधकर्ताओं को बोरिंग और समय लेने वाले कामों से छुटकारा मिल रहा है. वांग योंगकिंग ने बताया कि इस तकनीक की मदद से वैज्ञानिक अब अपने काम के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों पर ध्यान दे पा रहे हैं. इससे न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि डिजाइन प्रक्रिया भी तेज और बेहतर हो रही है. यह कदम विमानन शोध के भविष्य की दिशा को दर्शाता है.
शेनयांग इंस्टीट्यूट की उपलब्धियां
60 वर्षीय वांग योंगकिंग पिछले 40 सालों से शेनयांग एयरक्राफ्ट डिजाइन इंस्टीट्यूट के साथ काम कर रहे हैं. यह इंस्टीट्यूट एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना का हिस्सा है, जिसने कई शक्तिशाली युद्धक विमानों का डिजाइन तैयार किया है. इनमें नौसेना का जे-15 फ्लाइंग शार्क और जे-35 स्टील्थ फाइटर जैसे उन्नत विमान शामिल हैं. वांग ने यह भी बताया कि जे-35 के नए और बहुउद्देश्यीय मॉडल का विकास सुचारू रूप से चल रहा है, जिसमें हवा और समुद्र दोनों में उपयोग की क्षमता होगी.
चीन में विभिन्न क्षेत्रों ने इस एआई को अपनाना शुरू कर दिया है और इसे अपने कामकाज में शामिल कर रहे हैं.