Israel-Iran Conflict: इजरायली हमलों की वजह से खामेनेई पड़े अलग-थलग, क्या बेटे ने ईरान के सुप्रीम लीडर को पछाड़ा!

Published on: 17 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
इजरायल के ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए लगातार हमलों के बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई अब पहले से कहीं अधिक अलग-थलग पड़ गए हैं. 86 वर्षीय खामेनेई, जो कभी विश्वसनीय कमांडरों और रणनीतिकारों के घनिष्ठ समूह से घिरे थे, अब इजरायल के लक्षित हवाई हमलों के कारण अपने करीबी सलाहकारों को खो चुके हैं. इन हमलों ने उनके सैन्य और खुफिया सलाहकारों को या तो मार डाला या लापता कर दिया, जिससे उनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया कमजोर हुई है और गलत कदम उठाने का खतरा बढ़ गया है.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिसमें खामेनेई के समूह के अंदरूनी कामकाज से परिचित पांच व्यक्तियों का हवाला दिया गया है, वरिष्ठ रिवोल्यूशनरी गार्ड अधिकारियों जो सर्वोच्च नेता के सबसे भरोसेमंद थे. उनकी हानि ने एक महत्वपूर्ण रणनीतिक शून्य पैदा कर दिया है.
नेतन्याहू का दावा: युद्ध का अंत
सोमवार को एबीसी न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुझाव दिया कि अली खामेनेई को खत्म करना युद्ध को बढ़ाएगा नहीं, बल्कि "इसे खत्म करेगा." यह बयान उस समय आया जब इजरायल ने पिछले सप्ताह ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमलों को तेज कर दिया.
गलत कदम का खतरा
रॉयटर्स की रिपोर्ट में खामेनेई के साथ नियमित बैठकों में शामिल होने वाले एक सूत्र ने चेतावनी दी कि स्थिति अब गंभीर मोड़ पर है. उन्होंने कहा, "रक्षा और आंतरिक स्थिरता के मुद्दों पर ईरान के लिए गलत कदम का खतरा बेहद खतरनाक है." हाल के इजरायली हवाई हमलों में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर होसैन सलामी, मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख आमिर अली हाजीज़ादेह और शीर्ष खुफिया अधिकारी मोहम्मद काज़ेमी सहित कई वरिष्ठ कमांडर मारे गए.
ये सभी खामेनेई के 15-20 लोगों के कोर सलाहकार समूह का हिस्सा थे, जिसमें वरिष्ठ मौलवी, राजनेता और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के अभिजन शामिल हैं, जो खामेनेई के कार्यालय के बुलावे पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं. इस समूह की विशेषता है खामेनेई और इस्लामिक गणराज्य की विचारधारा के प्रति पूर्ण निष्ठा.
खामेनेई की सत्ता का आधार
1989 में सत्ता में आने के बाद से अयातुल्ला खामेनेई ने ईरान की सशस्त्र सेनाओं और प्रमुख सरकारी नियुक्तियों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित किया. सूत्रों के अनुसार, वह नियमित रूप से अपने सलाहकारों से परामर्श करते हैं, विभिन्न दृष्टिकोण सुनते हैं और निर्णय लेने से पहले विस्तृत जानकारी पर जोर देते हैं. मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट के ईरान कार्यक्रम के निदेशक एलेक्स वटंका ने कहा, "खामेनेई के बारे में दो बातें कही जा सकती हैं: वह बेहद जिद्दी हैं, लेकिन बेहद सतर्क भी. यही कारण है कि वह इतने लंबे समय तक सत्ता में बने रहे." उन्होंने आगे कहा, "खामेनेई शासन के अस्तित्व को सबसे महत्वपूर्ण मानते हुए लागत-लाभ विश्लेषण करने में सक्षम हैं."
कमजोर होता खामेनेई का सलाहकार समूह
इजरायल के हालिया हमलों ने खामेनेई के सलाहकार समूह को कमजोर कर दिया है. घरेलू स्तर पर पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है. इजरायल के साथ बढ़ता संघर्ष और सैन्य व परमाणु ठिकानों पर हमले स्थिति को और जटिल बना रहे हैं. खामेनेई ने 1999, 2009 और 2022 में विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और बसीज मिलिशिया पर भरोसा किया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक संकट गहरे असंतोष को जन्म दे सकता है, जिसे दबाना मुश्किल हो सकता है.
मोजतबा खामेनेई का उभरता प्रभाव
इस सत्ता पुनर्गठन के बीच खामेनेई के बेटे मोजतबा खामेनेई का प्रभाव बढ़ रहा है. मध्यम स्तर के मौलवी मोजतबा पिछले दो दशकों में एक शक्तिशाली पर्दे के पीछे के समन्वयक बन गए हैं, जो रिवोल्यूशनरी गार्ड्स सहित विभिन्न गुटों के साथ समन्वय करते हैं. उन्हें संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है.
इजरायल और ईरान युद्ध से क्या होगा क्षेत्रीय नुकसान!
ईरान के "एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस" को भी भारी झटका लगा है. सितंबर में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह इजरायली हमले में मारे गए, और दिसंबर में सीरिया के बशर अल-असद को विद्रोहियों ने सत्ता से हटा दिया. हिजबुल्लाह, यमन के हूती विद्रोही, हमास और अन्य ईरान समर्थित समूह इस गठबंधन का हिस्सा हैं. इन नुकसानों ने खामेनेई को और अलग-थलग कर दिया है.
ईरान का क्या होगा भविष्य?
खामेनेई की प्रसिद्ध सतर्कता अब उनकी सबसे बड़ी परीक्षा का सामना कर रही है. उनके प्रमुख सलाहकारों और क्षेत्रीय सहयोगियों के नुकसान ने ईरान की क्षेत्रीय सैन्य रणनीति और आंतरिक सुरक्षा में खतरनाक कमजोरी पैदा कर दी है. क्या खामेनेई इस संकट से उबर पाएंगे, या इजरायल के हमले ईरान में सत्ता परिवर्तन की शुरुआत करेंगे? यह समय बताएगा.