रूस-यूक्रेन में ऐतिहासिक समझौता, दोनों देश 1000 युद्धबंदियों की करेंगे अदला-बदली

Published on: 16 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
रूस और यूक्रेन ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रत्येक पक्ष से 1,000 युद्धबंदियों की अदला-बदली के लिए प्रारंभिक समझौता किया है. यह 2022 में शुरू हुए संघर्ष के बाद से सबसे बड़ा युद्धबंदी आदान-प्रदान हो सकता है. इस दौरान रूस की प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख व्लादिमीर मेडिंस्की ने इस्तांबुल में शांति वार्ता के एक संक्षिप्त दौर के बाद इसकी घोषणा की.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, व्लादिमीर मेडिंस्की ने बताया कि दोनों देशों ने युद्धविराम की दिशा में विस्तृत प्रस्तावों के आदान-प्रदान पर भी सहमति जताई है. यूक्रेन ने दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच बैठक का औपचारिक अनुरोध किया है, जिसे रूस ने विचार करने का वादा किया है. मेडिंस्की ने कहा, "मास्को वार्ता जारी रखने के लिए खुला है." यह वार्ता रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के शुरुआती महीनों के बाद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच पहली प्रत्यक्ष चर्चा थी. तुर्की विदेश मंत्रालय और एक वरिष्ठ यूक्रेनी अधिकारी के अनुसार, यह सत्र दो घंटे से भी कम समय तक चला.
बातचीत में सामने आईं चुनौतियां
हालांकि, रूस और यूक्रेन के बीच हुई वार्ता का परिणाम मिश्रित रहा. एक यूक्रेनी अधिकारी, जो सार्वजनिक बयान देने के लिए अधिकृत नहीं थे, उन्होंने रूसी पक्ष पर नए और "अस्वीकार्य" मांगें रखने का आरोप लगाया. इन मांगों में यूक्रेनी सेना को कब्जे वाले बड़े क्षेत्रों से हटाने की शर्त शामिल थी, जो पहले के कूटनीतिक आदान-प्रदान में नहीं उठाई गई थीं. अधिकारी ने कहा, "रूस की ये नई शर्तें वार्ता को जटिल बना रही हैं." इसके बावजूद, यूक्रेन ने अमेरिका, यूरोपीय सहयोगियों और अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों द्वारा समर्थित प्रस्तावों के अनुरूप युद्धविराम और कूटनीतिक समाधान की दिशा में प्रतिबद्धता दोहराई.
जानिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्या बोले?
इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध के तत्काल समाधान का आह्वान किया. मध्य पूर्व की अपनी यात्रा के समापन पर अबू धाबी में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि हमें इसे जल्द से जल्द करना चाहिए." उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक की वकालत करते हुए कहा, "हमें इसे जल्द से जल्द आयोजित करना चाहिए." ट्रंप ने संकेत दिया कि वह शांति प्रयासों में मध्यस्थता या तेजी लाने के लिए तैयार हैं.
भविष्य की अनिश्चितता
इस्तांबुल वार्ता तनाव में थोड़ी कमी का संकेत देती है, लेकिन दोनों पक्ष महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी भी काफी दूर हैं. युद्धबंदी आदान-प्रदान का समझौता एक सकारात्मक कदम है, लेकिन युद्धविराम और स्थायी शांति के लिए कूटनीतिक प्रयासों का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है. जहां दोनों देशों के बीच गहरे मतभेद और रूस की नई मांगें वार्ता की राह में रोड़े अटका रही हैं.