किन दो मुस्लिम देशों ने मिलकर चुका डाला सीरिया का कर्ज? वर्ल्ड बैंक से दोबारा लोन मिलने का रास्ता किया साफ

Published on: 17 May 2025 | Author: Gyanendra Sharma
सऊदी अरब और क़तर ने मिलकर वर्ल्ड बैंक से लिया गया सीरिया पर कर्ज़ चुकाया. वर्ल्ड बैंक ने कहा अब सीरिया नया कर्ज़ ले सकता है. 14 साल से अधिक समय तक गृहयुद्ध की त्रासदी झेल चुके सीरिया के लिए ये राहत की खबर है. सऊदी अरब और कतर ने संयुक्त रूप से विश्व बैंक को सीरिया का लगभग 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर का बकाया कर्ज चुका दिया. विश्व बैंक ने इस भुगतान के बाद घोषणा की है कि अब सीरिया नए कर्ज ले सकता है.
सीरिया लंबे समय से गृहयुद्ध और तानाशाही के दंश से जूझ रहा है. 2011 में शुरू हुए इस गृहयुद्ध ने देश की अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे और सामाजिक ताने-बाने को तहस-नहस कर दिया. संयुक्त राष्ट्र के 2017 के अनुमान के अनुसार, सीरिया के पुनर्निर्माण के लिए कम से कम 250 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता थी, और अब विशेषज्ञों का मानना है कि यह राशि 400 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है. दिसंबर 2024 में, हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के नेतृत्व में विद्रोही समूहों ने दमिश्क पर कब्जा कर बशर अल-असद की सरकार को उखाड़ फेंका, जिसने असद परिवार के 54 साल के शासन का अंत कर दिया. इस बदलाव के बाद अहमद अल-शरा को अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया, जिसने देश में स्थिरता और पुनर्निर्माण की नई उम्मीदें जगाई हैं.
सऊदी अरब और कतर की भूमिका
सऊदी अरब और कतर, दो प्रमुख खाड़ी देश, इस नई सीरियाई सरकार के समर्थन में सक्रिय रूप से सामने आए हैं. दोनों देशों के वित्त मंत्रालयों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह कर्ज भुगतान का फैसला अप्रैल 2025 में वाशिंगटन में आयोजित विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की बैठकों के दौरान लिया गया. इस कदम का उद्देश्य सीरिया को विश्व बैंक से नए वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सक्षम बनाना है, ताकि देश अपने बुनियादी ढांचे, जैसे बिजली ग्रिड और अन्य आवश्यक सेवाओं, के पुनर्निर्माण में तेजी ला सके.
विश्व बैंक का कहना है कि कर्ज चुकाए जाने के बाद सीरिया अब नए कर्ज के लिए आवेदन कर सकता है. यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि विश्व बैंक की सहायता से बुनियादी ढांचे, जैसे बिजली, सड़क, और स्वास्थ्य सेवाओं, को पुनर्जनन करने में मदद मिलेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल आर्थिक स्थिरता लाएगा, बल्कि क्षेत्रीय शांति और सहयोग को भी बढ़ावा देगा.