ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया भारत का सबसे बड़ा दुश्मन मसूद अजहर! बहावलपुर की मस्जिद था ठिकाना, भारतीय सेना ने मिट्टी में मिलाया

Published on: 07 May 2025 | Author: Reepu Kumari
Operation Sindoor Masood Azhar: भारत ने 15 दिन बाद पहलगाम आतंकी हमले का बदला आतंकिस्तान से ले लिया है. इंडियन आर्मी की ओर से पाकिस्तान के पंजाब में स्थित बहावलपुर ट्रेनिंग सेंटर को उड़ा दिया गया. यहीं से आतंकियों का आका ट्रेनिंग सेंटर चलाया करता था. कुख्यात आतंकी मसूद अजहर ने इसे बसाया था. संसद पर हुए आतंकी हमले के पीछे भी इसी का हाथ था. इसमें कोटली, मुरीदके और बहावलपुर में प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया गया. बहावलपुर की जिस मस्जिद को सेना ने उड़ाया है वहां अक्सर आतंकवादी मसूद अजहर रात गुजारा करता था.
पाकिस्तान ने इन इलाकों में नौ ठिकानों पर हमलों की पुष्टि की है.ऑपरेशन सिंदूर के नाम से जाने जाने वाले इस हमले का प्राथमिक उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा के जिहादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था. ये वो दो आतंकवादी समूह हैं जो पिछले तीन दशकों में भारतीय धरती पर कई बड़े हमलों के लिए जिम्मेदार हैं. दावा किया जा रहा है कि इस हमले में मसूद अजहर को भी ढेर कर दिया गया है.
कई महीनों से था लापता
मसूद अजहर कई महीनों से छिप कर बैठा था. पिछले साल 2024 के आखिरी महीनों में वो अपने बिल से बाहर निकला था. तब उसे बहावलपुर में देखा गया था.आशंका जताई जा रही है कि मसूद अजहर इंडियन मिलिट्री के हमले में मारा गया.अभी तक किसी भी तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है.
बहावलपुर पर भारत के निशानें पर क्यों?
बहावलपुर, पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर है, जो इस क्षेत्र में सक्रिय सबसे कुख्यात आतंकवादी संगठनों में से एक जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के लिए संचालन केंद्र के रूप में कार्य करता है.
यह परिसर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि जैश-ए-मोहम्मद की भर्ती, धन उगाहने और विचारधारा को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों के लिए केंद्रीय स्थान के रूप में भी काम करता है. यह परिसर लंबे समय से संगठन के लिए एक रणनीतिक संपत्ति रहा है, जो इसके संचालन और वैचारिक प्रभाव में सहायता करता है.
बहावलपुर से मसूद अजहर का कनेक्शन
बहावलपुर का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर का जन्मस्थान और निवास स्थान है. अजहर ने भारत में कई बड़े-बड़े हमले करवाए हैं. शहर में एक कड़ी सुरक्षा वाले परिसर में रहता है. बहावलपुर में उसकी मौजूदगी जैश-ए-मोहम्मद के संचालन से शहर के गहरे जुड़ाव और क्षेत्र के साथ उसके नेतृत्व के व्यक्तिगत संबंधों को रेखांकित करती है.