कायर निकले पाक आर्मी चीफ! पाकिस्तान पर भारत के आक्रमण से डरे असीम मुनीर ने परिवार को भेजा विदेश

Published on: 25 Apr 2025 | Author: Mayank Tiwari
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को लेकर सनसनीखेज दावा सामने आया है. सूत्रों के हवाले से ABP न्यूज ने बताया कि असीम मुनीर ने अपने परिवार को विदेश भेज दिया है, और कई वरिष्ठ पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों ने भी अपने परिजनों को यूरोपीय देशों में स्थानांतरित कर दिया है. हालांकि, इस रिपोर्ट की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है. भारतीय रक्षा विशेषज्ञ असीम मुनीर को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुख्य मास्टरमाइंड मान रहे हैं, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माना जा रहा है कि असीम मुनीर के भड़काऊ बयानों के बाद ही पहलगाम में यह हमला करवाया गया. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. विशेषज्ञों का मानना है कि हमले का मकसद कश्मीर की शांति को भंग करना और वहां के पर्यटन उद्योग को नष्ट करना था.
पहलगाम हमले का क्या था मकसद!
वहीं, लश्कर का शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह कसूरी इस हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, हालांकि उसने एक वीडियो में इन आरोपों का खंडन किया है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा, “यह सब पाकिस्तानी सेना ने किया है. पाकिस्तान के एसएसजी कमांडो आतंकवादियों के रूप में पेश आ रहे हैं और इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं.”
असीम मुनीर ने क्या दिया था भड़काऊ बयान
पहलगाम हमले से ठीक पहले, 16 अप्रैल को असीम मुनीर ने एक भाषण में भारत के खिलाफ जहर उगला था. उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की “जगुलर वेन” (गले की नस) करार दिया और दो-राष्ट्र सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा, “हमारे पूर्वजों का मानना था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं. हमारे धर्म अलग हैं. हमारे रीति-रिवाज अलग हैं... यही दो-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी.” रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला मुनीर की सत्ता को बचाने और कश्मीर को अशांत दिखाने की साजिश थी.
भारत का कड़ा रुख
भारत ने इस हमले के बाद कड़े कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना और पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना शामिल है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को कहा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने सीमा पार आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया है. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसकी सेना युद्ध की दिशा में बढ़ रही है.