दो पूर्व आतंकवादियों को ट्रंप ने बनाया सलाहकार, एक है लश्कर का आतंकी तो दूसरा हमास से जुड़ा, यहां पढ़ें दोनों की पूरी कुंडली

Published on: 18 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
अमेरिकी पत्रकार लौरा लूमर ने नया खुलासा किया है. इनकी जांच के अनुसार, आतंकवादी गतिविधियों के इतिहास वाले इस्माइल रॉयर और आतंकवाद से संबंधित आरोपों का सामना कर रहे शेख हमजा यूसुफ को ट्रंप प्रशासन ने व्हाइट हाउस सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया है. इन नियुक्तियों ने प्रशासन की जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. रॉयर का संबंध लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), अल-कायदा और 2008 के मुंबई हमलों से बताया जाता है, जबकि यूसुफ पर हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड से संबंधों के आरोप हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,आतंकवाद के मामलों में पूर्व दोषी इस्माइल रॉयर और कैलिफोर्निया के ज़ैतुना कॉलेज के सह-संस्थापक शेख हमजा यूसुफ को व्हाइट हाउस के सलाहकार बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में नामित किया गया, जिससे ऐसी नियुक्तियों के लिए ट्रम्प प्रशासन की जांच प्रक्रिया के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं.
जानें इस्माइल रॉयर कौन हैं?
बता दें कि, इस्माइल रॉयर, जिनका जन्म का नाम रैंडल टॉड रॉयर है, एक अमेरिकी नागरिक हैं, जिन्होंने इस्लाम स्वीकार किया और जिहादी नेटवर्क में शामिल हो गए. लूमर की रिपोर्ट के अनुसार, रॉयर का संबंध लश्कर-ए-तैयबा, मुस्लिम ब्रदरहुड, हमास और "वर्जिनिया जिहाद नेटवर्क" से रहा है. साल 2000 में, रॉयर ने कथित तौर पर पाकिस्तान में एक आतंकी प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया.
पत्रकार ने ट्वीट किया, "एक मुस्लिम ब्रदरहुड और हमास जिहादी इस्माइल रॉयर, जिसे डीओजे ने पाकिस्तान में आतंकी शिविर में प्रशिक्षण लेते पाया और जो वर्जिनिया जिहादी नेटवर्क का हिस्सा था, उसे आज व्हाइट हाउस सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया गया है!" 2003 में, रॉयर पर अमेरिका के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश और अल-कायदा व लश्कर को सामग्री समर्थन प्रदान करने के आरोप लगे. जबकि, 2004 में, उन्होंने हथियारों और विस्फोटकों के इस्तेमाल में मदद के आरोप स्वीकार किए और 20 साल की सजा काटी, जिसमें से 13 साल बाद 2017 में रिहा हुए.
1992 में इस्लाम को किया स्वीकार
लूमर ने कहा, "9/11 के बाद, रॉयर 'वर्जिनिया जिहाद नेटवर्क' के प्रमुख सदस्य थे, जिन्होंने पेंटबॉल प्रशिक्षण और लश्कर शिविरों में हथियार प्रशिक्षण की व्यवस्था की. उनकी 2004 की दोषी याचिका में लश्कर प्रशिक्षण और तालिबान समर्थन की बात स्वीकारी गई." व्हाइट हाउस ने रॉयर को "रिलीजियस फ्रीडम इंस्टीट्यूट के इस्लाम और धार्मिक स्वतंत्रता एक्शन टीम का निदेशक" बताया. बयान में कहा गया, "1992 में इस्लाम स्वीकार करने के बाद, उन्होंने पारंपरिक इस्लामी विद्वानों के साथ धार्मिक अध्ययन किया और एक दशक तक गैर-लाभकारी इस्लामी संगठनों में काम किया.
शेख हमजा यूसुफ का विवादास्पद इतिहास
हमजा यूसुफ कैलिफोर्निया के ज़ायतुना कॉलेज के सह-संस्थापक हैं, जो शरिया कानून सिखाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यूसुफ ने जिहाद की वास्तविक परिभाषा को कमतर आंका और मुस्लिम ब्रदरहुड व हमास से संबंध रखे. लूमर ने बताया कि 9/11 से दो दिन पहले, यूसुफ ने जामिल अल-अमीन के लिए धन उगाही कार्यक्रम में भाग लिया, जो एक पुलिस अधिकारी की हत्या के लिए मुकदमे का सामना कर रहे थे. यूसुफ ने कथित तौर पर अमेरिका को नस्लवादी देश बताया और अल-अमीन के खिलाफ आरोपों को गलत ठहराया. अल-अमीन को बाद में हत्या का दोषी ठहराया गया.
यूसुफ ने 1990 के दशक में न्यूयॉर्क लैंडमार्क बम विस्फोटों के दोषी शेख उमर अब्देल-रहमान के मुकदमे की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए. 9/11 के बाद, एफबीआई ने उनके जिहाद समर्थक बयानों के कारण उनसे पूछताछ की.
व्हाइट हाउस ने साधी चुप्पी
फिलहाल, व्हाइट हाउस ने इन नियुक्तियों पर उठे सवालों का जवाब नहीं दिया है. सलाहकार बोर्ड धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के तहत काम करता है, जो ट्रंप प्रशासन को धार्मिक स्वतंत्रता और आस्था-आधारित नीतियों पर सलाह देता है.