भारत को कोहीनूर हीरा लौटाएगा ब्रिटेन? मंत्री के जवाब ने मचाई हलचल
Published on: 04 May 2025 | Author: Gyanendra Tiwari
कोहीनूर हीरा, जो भारत की ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा है, एक बार फिर चर्चा में है. ब्रिटेन की संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री लिसा नंदी ने हाल ही में भारत के साथ सांस्कृतिक वस्तुओं के सहयोग को लेकर बातचीत की है. उनके बयान ने कोहीनूर हीरे की वापसी की मांग को फिर से सुर्खियों में ला दिया है. आइए जानते हैं, इस मामले में क्या है ताजा अपडेट.
108 कैरेट का कोहीनूर हीरा भारत की शान रहा है. 1849 में इसे महाराजा दलीप सिंह ने ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को सौंपा था. बाद में 1937 में यह हीरा क्वीन मदर के ताज में जड़ा गया. भारत लंबे समय से इस ऐतिहासिक हीरे को वापस लाने की मांग करता रहा है.
ब्रिटिश मंत्री का बयान
लिसा नंदी ने हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान कोहीनूर के मुद्दे पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और भारत मिलकर सांस्कृतिक वस्तुओं को साझा करने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं. नंदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "हम भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि दोनों देशों के लोग इन सांस्कृतिक धरोहरों का लाभ उठा सकें." हालांकि, उन्होंने कोहीनूर की वापसी को लेकर कोई स्पष्ट वादा नहीं किया, लेकिन उनके बयान ने उम्मीदें जरूर जगाई हैं.
#WATCH | Delhi | On any communication between India & UK on 'Kohinoor', UK Secretary of State for Culture, Media and Sport, Lisa Nandy says," We've been talking between the UK and India for quite some time about the way that we think we can collaborate much more closely together… pic.twitter.com/Gn0ZPAjRBX
— ANI (@ANI) May 3, 2025
सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा
नंदी ने भारत के साथ सांस्कृतिक और रचनात्मक क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने की बात कही. उन्होंने बताया कि दोनों देश फिल्म, फैशन, टीवी, संगीत और गेमिंग जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम कर सकते हैं. नंदी ने कहा, "हमारी साइंस म्यूजियम ग्रुप भारत के नेशनल म्यूजियम साइंस ग्रुप के साथ मिलकर प्रदर्शनियों और वस्तुओं के आदान-प्रदान पर काम कर रही है." यह सहयोग दोनों देशों के लोगों को सांस्कृतिक धरोहरों के करीब लाएगा.
नया समझौता, नई उम्मीद
शुक्रवार को नंदी ने दिल्ली में भारत के संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते का लक्ष्य कला, विरासत और सांस्कृतिक संस्थानों के बीच लंबे समय तक साझेदारी को बढ़ावा देना है. इस समझौते के तहत ब्रिटेन भारत के साथ विरासत संरक्षण, संग्रहालय प्रबंधन और डिजिटलीकरण में विशेषज्ञता साझा करेगा. इसमें ब्रिटिश काउंसिल, ब्रिटिश म्यूजियम, ब्रिटिश लाइब्रेरी और वीएंडए म्यूजियम जैसे बड़े संस्थान शामिल होंगे.
क्या होगा कोहीनूर का भविष्य?
नंदी के बयान और नए समझौते ने कोहीनूर की वापसी की चर्चा को हवा दी है. हालांकि, अभी तक कोई ठोस फैसला सामने नहीं आया है. भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ता सांस्कृतिक सहयोग इस दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है. क्या कोहीनूर भारत लौटेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इस मुद्दे ने एक बार फिर लोगों का ध्यान खींचा है.