UPSC chairman: कौन हैं पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार? संभाली यूपीएससी के अध्यक्ष की कमान

Published on: 14 May 2025 | Author: Reepu Kumari
UPSC Chairman: मंगलवार (13 मई) को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के आदेश के अनुसार पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. 29 अप्रैल को प्रीति सूदन का कार्यकाल पूरा होने के बाद UPSC अध्यक्ष का पद खाली हो गया था. कुमार की नियुक्ति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी से हुई है.
अगर उनके काम पर नजर डालें तो तो वो केरल कैडर के 1985 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी रह चुके हैं. सर्विस रिकॉर्ड के अनुसार उन्होनें 23 अगस्त, 2019 से 31 अक्टूबर, 2022 तक रक्षा सचिव के रूप में काम किया था.
अधिकतम 10 मेंबर
यूपीएससी - जो आईएएस, भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) आदि के लिए अधिकारियों का चयन करने हेतु सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है. इसका नेतृत्व एक अध्यक्ष के द्वारा किया जाता है. इसमें अधिकतम 10 मेंबर हो सकते हैं.
वर्तमान में आयोग में दो सदस्यों का पद रिक्त है. यूपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति छह वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक के लिए की जाती है.
यूपीएससी के नए अध्यक्ष अजय कुमार कौन हैं?
डॉ. अजय कुमार 31 अक्टूबर, 2022 को रक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त होंगे. सेवा की शर्तों के अनुसार, वह अक्टूबर 2027 तक इस प्रतिष्ठित संवैधानिक पद पर बने रह सकते हैं. डॉ. कुमार प्रीति सूदन (सेवानिवृत्त आईएएस: 1983: एपी) की जगह लेंगे, जिन्होंने 29 अप्रैल, 2025 को यूपीएससी अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया था.
यूपीएससी का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है और इसमें अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं. यूपीएससी की ओर से हर साल तीन चरणों में सिविल सेवा परीक्षा ली जाती है. वो तीन चरण हैं प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार.
पूर्व ब्यूरोक्रेट अनुराधा प्रसाद ने यूपीएससी सदस्य के रूप में शपथ ली
इससे पहले पूर्व ब्यूरोक्रेट अनुराधा प्रसाद ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सदस्य के रूप में शपथ ली. प्रसाद भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) के 1986 बैच से हैं. अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव के रूप में, उन्होंने केंद्र-राज्य और अंतर-राज्य संबंधों को संभाला और कई जटिल और संवेदनशील मुद्दों पर आम सहमति बनाई, जिसके परिणामस्वरूप प्रमुख नीतिगत बदलाव हुए और बुनियादी ढांचे और अन्य परियोजनाओं में तेजी आई.
सेवानिवृत्ति के बाद, प्रसाद ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पुलिस शिकायत प्राधिकरण के सदस्य के रूप में कार्य किया. यूपीएससी सदस्य की नियुक्ति छह साल के अंतराल पर की जाती है. इसकी अवधि या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक के लिए की जाती है. यूपीएससी, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है, का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है और इसमें अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं.
प्रसाद की नियुक्ति के साथ ही दो और सदस्यों के पद रिक्त रह गए हैं. वर्तमान में यूपीएससी बिना अध्यक्ष के काम कर रहा है, क्योंकि मंगलवार को प्रीति सूदन का कार्यकाल पूरा हो गया है.