Virat Kohli Test Record: 2014-2019 तक... टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली के वो रिकॉर्ड, जिन्हें तोड़ना अब बेहद मुश्किल; पढ़ें अब तक का सफर

Published on: 12 May 2025 | Author: Ritu Sharma
Virat Kohli Test Record: विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब उनके सुनहरे दौर, खासकर 2014 से 2019 तक के अद्भुत प्रदर्शन को याद करना जरूरी है. ये वो समय था जब कोहली ने न सिर्फ खुद को टेस्ट क्रिकेट में साबित किया बल्कि इस फॉर्मेट को नए मायनों में जिया. आक्रामकता, निरंतरता और क्लास का जो मेल उन्होंने पेश किया, वो वाकई लाजवाब था.
2014 - टेस्ट स्टार का उदय
बता दें कि 2014 कोहली के करियर का टर्निंग प्वाइंट बना. इंग्लैंड दौरे में खराब प्रदर्शन के बाद आलोचना के घेरे में आए कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में करारा जवाब दिया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कोहली ने 692 रन बनाए, जिसमें एडिलेड में 115 और सिडनी में 141 रन की यादगार पारियां शामिल रहीं. यहीं से उनकी कप्तानी की शुरुआत भी हुई.
2015- कप्तान कोहली का सफर शुरू
धोनी के टेस्ट से अचानक संन्यास लेने के बाद कोहली को टीम की कमान मिली. इस साल उन्होंने श्रीलंका को उसी की सरज़मीं पर हराया. हालांकि बल्ले से वो बेहद प्रभावशाली नहीं रहे, फिर भी गॉल में 103 और दिल्ली में 88 रन की पारियां उल्लेखनीय रहीं.
2016- विराट क्लास का विस्फोट
वहीं, 2016 कोहली के टेस्ट करियर का सबसे मजबूत साल रहा. 1215 रन, औसत 75.94, और तीन दोहरे शतक—ये बताने के लिए काफी है कि कोहली किस स्तर पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे. इंदौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 211 और मुंबई में इंग्लैंड के खिलाफ 153 रन उनकी बल्लेबाजी का शानदार नमूना थे.
2017- घरेलू बादशाह की वापसी
इसके अलावा, 2017 में कोहली ने फिर 1000+ रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4-0 की क्लीन स्वीप में अहम भूमिका निभाई. श्रीलंका के खिलाफ दोहरे शतक (213 नागपुर, 243 दिल्ली) लगाकर उन्होंने साबित कर दिया कि वो हर परिस्थिति में हावी हो सकते हैं.
2018- विदेशी जमीं पर विराट का जलवा
यह साल कोहली के लिए सबसे बड़ी परीक्षा था. दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे चुनौतीपूर्ण दौरों में उन्होंने खुद को साबित किया. इंग्लैंड में उन्होंने 593 रन बनाए, जिसके बाद उन्होंने कहा, ''मैंने खुद से वादा किया था कि इस बार जवाब मैदान पर दूंगा.'' इतना ही नहीं, एजबेस्टन में शतक और पर्थ में 123 रन की पारी उनके ग्रिट की मिसाल बनी. मेलबर्न में 80 रन बनाकर भारत को ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत दिलाई, और वे ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले एशियाई कप्तान बने.
2019- चरम पर विराट
इसके साथ ही, 2019 में कोहली ने सिर्फ 8 टेस्ट खेले लेकिन 612 रन बनाए. पुणे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 254 रन* की नाबाद पारी उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ रही. बांग्लादेश के खिलाफ भारत के पहले डे-नाइट टेस्ट में उन्होंने 136 रन बनाकर साल का अंत धमाकेदार अंदाज़ में किया.
2014 से 2019 तक विराट कोहली का टेस्ट सफर किसी ब्लॉकबस्टर से कम नहीं था. उन्होंने अपने खेल से न केवल खुद को, बल्कि भारतीय टीम को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. ये वो दौर था जब टेस्ट क्रिकेट को कोहली के जोश और जज्बे ने नई जान दी.