England vs Zimbabwe Test 2025: सैम करन के भाई बेन करन ने बताया इंग्लैंड की जगह क्यों जिम्बाब्वे की तरफ से खेला टेस्ट मैच?

Published on: 22 May 2025 | Author: Garima Singh
England vs Zimbabwe Test 2025: इंग्लैंड और जिम्बाब्वे के बीच एकमात्र टेस्ट मैच आज ट्रेंट ब्रिज, नॉटिंघम में शुरू हुआ. इंग्लैंड की टीम जिसमें बेन स्टोक्स और जो रूट जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल हैं, अपनी मजबूत लाइनअप के साथ मैदान में उतरी है. दूसरी ओर, जिम्बाब्वे की टीम जो एक बड़ा उलटफेर करने की उम्मीद में है अपने स्क्वॉड में 28 साल के बेन कुर्रन को शामिल किया है.
बेन कुर्रन का नाम क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. खास बात यह है कि बेन, इंग्लैंड के लिए खेलने वाले बेन और टॉम कुरेन के भाई हैं. कई फैंस यह सवाल उठा रहे हैं कि जब उनके भाई इंग्लैंड के लिए खेल रहे हैं तो बेन ने जिम्बाब्वे की तरफ से खेलना क्यों चुना? इसका जवाब उनके परिवार की जड़ों में छिपा है. बेन के पिता, केविन कुरेन, जिम्बाब्वे के लिए 1983 से 1987 तक 11 वनडे मैच खेल चुके हैं. यह उनके लिए गर्व की बात है कि उनका बेटा अब उसी देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है.
इंग्लैंड या जिम्बाब्वे: बेन का फैसला
बेन कुर्रन के पास इंग्लैंड के लिए खेलने का ऑप्शन था, जैसा कि उनके भाइयों ने किया. हालांकि, उन्होंने जिम्बाब्वे को चुनने का फैसला किया. इसका कारण उनकी प्रारंभिक क्रिकेट यात्रा में मिली चुनौतियां थीं. बेन ने बताया, "मुझे अपने भाइयों जैसी तुरंत सफलता नहीं मिली. मुझे पेशेवर स्तर पर खेलने का अवसर पाने के लिए स्कूल से बाहर निकलने में दो साल लग गए, लेकिन हर किसी का अपना रास्ता होता है. बहुत से लोगों के लिए यह इतनी जल्दी नहीं होता. अगर मैं खुद को इससे दूर रखता हूं, तो मुझे पता है कि अगर वे मेरे भाई नहीं होते, तो हम एक जैसी बातचीत नहीं कर पाते. किसी भी चीज़ के लिए कोई समयसीमा नहीं होती और खास तौर पर पेशेवर खेल में तो बिल्कुल नहीं. हर कोई, सिर्फ़ मेरे परिवार में ही नहीं, बल्कि आम तौर पर, जल्दी सफल नहीं होता. मुझे बस थोड़ा ज़्यादा समय लगा.'
केविन कुरेन की विरासत
बेन के पिता केविन कुर्रन ने न केवल जिम्बाब्वे के लिए खेला, बल्कि बाद में इंग्लैंड में भी अपनी पहचान बनाई. उन्होंने 1991 से 1999 तक नॉर्थम्पटनशायर के लिए काउंटी क्रिकेट खेला और अंग्रेजी निवास प्राप्त किया. बेन ने अपने पिता की इस विरासत को आगे बढ़ाने का फैसला किया और जिम्बाब्वे के लिए खेलने का फैसला किया.
जिम्बाब्वे की उम्मीदें
जिम्बाब्वे की टीम इस टेस्ट मैच में इंग्लैंड की मजबूत टीम को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है. बेन कुरेन जैसे युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ, जिम्बाब्वे को उम्मीद है कि वे इस टेस्ट में कुछ खास कर सकते हैं. यह मैच न केवल एक खेल का मुकाबला है, बल्कि बेन कुरेन जैसे खिलाड़ियों के लिए अपनी पहचान बनाने का एक सुनहरा अवसर भी है.