बिहार विधानसभा के मौजूदा विधायकों में 68 प्रतिशत दागी, एडीआर के रिपोर्ट में खुलासा

Published on: 05 May 2025 | Author: Shanu Sharma
Bihar Assembly Election 2025: बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है, जिसे लेकर तैयारी तेज हो गई है. अपने-अपने तरफ से सभी नेता और पार्टियां जनता को रिझाने की पूरी कोशिश कर रही हैं. हालांकि इस बार बिहार चुनाव थोड़ा अलग होने वाला है. हर बार की तरह इस बार भी राज्य में दो गठबंधन एक दूसरे को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरेगी ही, लेकिन इस बार चुनाव में एक नया चेहरा दोनों गठबंधनों को चुनौती देने का दावा कर रहा है.
हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नीतीश कुमार से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक के लिए काम कर चुके पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट प्रशांत किशोर के बारे में. प्रशांत किशोर को अब पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट कहना सही नहीं होगा क्योंकि इस बार वो खुद अपनी जीत की स्ट्रैटजी लगाने में जुटे हैं. बतौर नेता, बिहार की जनता के बीच में पिछले दो सालों से काम कर रहे हैं.
एडीआर रिपोर्ट में कई खुलासे
हर राज्य की जनता अपना नेता अलग-अलग पैरामीटर के मुताबिक चुनती है. जैसे कुछ लोग यह देखते हैं कि राज्य में पहले के मुकाबले अपराध कितना बढ़ा है, वहीं कुछ लोग यह देखते हैं कि पहले के मुकाबले अपराध कितना कम हुआ है. आज हम उन लोगों के लिए खास जानकारी लेकर आए हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स हर चुनाव (लोकसभा और विधानसभा) में उम्मीदवारों से लेकर विधायकों द्वारा दी गई जानकारी की जांच करती है. जिससे यह पता चलता है कि किस उम्मीदवार ने कितनी सही जानकारी दी और किसने गलत, साथ ही सही डेटा भी निकलकर सामने आता है. इस संस्था ने बिहार के नेताओं के हलफनामों को भी चेक किया है, जिसमें कई विधायकों के कई चिट्ठे खुले हैं. इस संस्था के रिकॉर्ड के मुताबिक 2020 विधानसभा चुनाव में जीत पाने वाले प्रत्याशियों में लगभग 68 प्रतिशत विधायकों पर किस न किसी तरह का मामला चल रहा है. 2015 में 243 में से 142 विधायकों ने खुद पर मामले दर्ज होने की जानकारी दी थी. वहीं 2010 चुनाव में दायर किए गए हलफनामों की जांच के मुताबिक लगभग 58 फीसदी विधायकों पर केस दर्ज पाए गए थे. 2005 में लगभग 117 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज बताए गए. जिनमें से 67 विधायकों पर हत्या का मामला दर्ज था. बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद विधायक अपना हलफनामा दायर करेंगे, जिससे पता चलेगा कि इस बार कितने विधायकों पर दाग लगा है.
क्या है बिहार का माहौल?
एनडीए गठबंधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ भारतीय जनता पार्टी मैदान में उतरने की तैयारी में है. इस गठबंधन में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी भी अपना योगदान देंगे. वहीं दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ेगी. इस महागठबंधन में इन दो पार्टियों के अलावा विकासशील इंसान पार्टी और वाम दल भी शामिल हैं. इन दो गठबंधनों के अलावा प्रशांत किशोर अकेले ही बिहार में बहार लाने का दावा कर रहे हैं. हालांकि आने वाले समय में यह साफ हो जाएगा कि किस पार्टी और किस नेता को बिहार की जनता ने अपना समर्थन दिया है.