बदलते BJP संगठन के बीच वाराणसी पहुंचे सीएम मोहन यादव, बाबा विश्वनाथ के करेंगे दर्शन; जानें क्या है उनका पूरा प्लान
Published on: 15 Dec 2025 | Author: Km Jaya
वाराणसी: भारतीय जनता पार्टी के संगठन में बड़े बदलावों के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव देर रात वाराणसी पहुंचे हैं. उनके इस दौरे को राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है. वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंचते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूलों के गुलदस्ते के साथ उनका जोरदार स्वागत किया. सीएम मोहन यादव ने भी कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया और उनका धन्यवाद किया.
इसके बाद वे सीधे वाराणसी के शहरी क्षेत्र स्थित एक होटल में विश्राम के लिए रवाना हो गए. प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री मोहन यादव सोमवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे. बाबा विश्वनाथ के दर्शन के दौरान उनके साथ पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता और समर्थक भी मौजूद रहेंगे. काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के बाद वे वाराणसी के कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे.
मोहन यादव का यह दौरा क्यों है महत्वपूर्ण?
इसके बाद उनका अगले गंतव्य के लिए रवाना होने का कार्यक्रम है. मोहन यादव का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भाजपा संगठन में उत्तर प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक बदलाव किए गए हैं. बीते दो दिनों में पार्टी के भीतर कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिससे सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं. आने वाले दिनों में संगठन में और भी बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है.
यूपी में आगामी चुनावों को देखते हुए वाराणसी और पूर्वांचल क्षेत्र में भाजपा के शीर्ष नेताओं का आना जाना लगातार बढ़ रहा है. इसी वजह से मुख्यमंत्री मोहन यादव के वाराणसी दौरे को लेकर कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं. पार्टी के भीतर इस दौरे को संगठनात्मक मजबूती और रणनीतिक बैठकों से जोड़कर देखा जा रहा है.
भाजपा ने हाल ही में कौन-कौन से लिए फैसले?
गौरतलब है कि भाजपा ने हाल ही में पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. वहीं नितिन नबीन को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया गया है. इन फैसलों के बाद पार्टी के भीतर नई रणनीति और नेतृत्व संरचना को लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है.
पार्टी के लिए वाराणसी क्यों है अहम?
मोहन यादव का काशी आगमन ऐसे समय में हुआ है, जब वाराणसी न सिर्फ धार्मिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है. बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ साथ स्थानीय नेताओं से मुलाकात को संगठनात्मक संतुलन और भावनात्मक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है. भाजपा नेतृत्व लगातार धार्मिक आस्था और संगठनात्मक गतिविधियों के जरिए कार्यकर्ताओं में ऊर्जा बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रहा है.