ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई का UP कनेक्शन, आज भी इस जिले में रहता है परिवार, इजरायल से युद्ध को लेकर कही ये बात

Published on: 16 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव और मिसाइल हमलों के बीच एक अनोखा ऐतिहासिक संबंध उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से सामने आया है. जहां बहुत कम लोग जानते हैं कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई का पैतृक रिश्ता बाराबंकी के किंतूर गांव से है. यह कड़ी न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि वैश्विक राजनीति के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अयातुल्ला अली खामनेई के दादा सैयद अहमद मुसावी का जन्म उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में बाराबंकी के किंतूर गांव में हुआ था. बाद में उन्होंने भारत छोड़कर मध्य पूर्व की यात्रा की. इस दौरान वे इराक के नजफ पहुंचे और अंततः 1834 के आसपास ईरान के खोमेन शहर में बस गए. यहीं से उनके परिवार की कहानी ईरान की इस्लामी क्रांति और राजनीति तक पहुंची.
खामनेई के दादा का भारतीय मूल
सैयद अहमद मुसावी ने अपने नाम के साथ ‘हिंदी’ जोड़कर भारत से अपने गहरे जुड़ाव को हमेशा जीवित रखा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके पिता दीन अली शाह मध्य पूर्व से भारत आए थे और बाराबंकी में बस गए थे. सैयद अहमद को इस्लामी पुनरुत्थान का समर्थक माना जाता था. 1869 में उनका निधन हुआ और उन्हें कर्बला में दफनाया गया.
खुमैनी और ईरानी क्रांति
सैयद अहमद मुसावी के पोते अयातुल्ला खामनेई ने 1979 में ईरानी इस्लामी क्रांति का नेतृत्व किया, जिसने ईरान को एक धर्मतंत्र में बदल दिया. वे देश के पहले सर्वोच्च नेता बने, और आज भी ईरानी सत्ता उनके विचारों पर आधारित है. उनकी विरासत ने न केवल ईरान, बल्कि वैश्विक राजनीति को प्रभावित किया.
युद्ध के खिलाफ खानदान की आवाज
किंतूर में रहने वाले खामनेई के खानदानी सैय्यद निहाल अहमद काजमी ने मौजूदा इजरायल-ईरान तनाव की निंदा की है. उन्होंने कहा, “जंग नहीं होनी चाहिए, इसमें मासूम लोग मारे जा रहे हैं. किसी भी हाल में शांति और संवाद ही एकमात्र रास्ता होना चाहिए.” उनका यह बयान शांति की दिशा में एक मजबूत संदेश देता है.
जानिए किंतूर का ऐतिहासिक महत्व
किंतूर का यह छोटा सा गांव एक वैश्विक कहानी का हिस्सा बन गया, जहां से निकला एक व्यक्ति विश्व की सबसे चर्चित क्रांतियों में से एक का आधार बना. यह इतिहास और विरासत की उस शक्ति को दर्शाता है, जो भौगोलिक सीमाओं को पार कर वैश्विक प्रभाव डालती है.