स्पेशल योगी सरकार के 'दस के दम' अभियान से अपराधियों की टूटी कमर, ऑपरेशन त्रिनेत्र बना काल

Published on: 10 Apr 2025 | Author: Gyanendra Sharma
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने पिछले आठ वर्षों में अपराध के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. उनकी जीरो टॉलरेंस नीति ने अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए हैं. इस अवधि में एक लाख से अधिक अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया, जबकि 227 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया. योगी सरकार की इस नीति ने न केवल अपराध पर लगाम लगाई, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया है.
योगी सरकार के निर्देश पर शुरू किए गए मिशन शक्ति फेज-5 के तहत ‘दस का दम’ नामक विशेष अभियान ने अपराधियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. इस अभियान में ऑपरेशन गरुड़, ईगल, मजनू, रक्षा, बचपन, खोज, शील्ड, डेस्ट्राय, नशा मुक्ति और त्रिनेत्र जैसे दस प्रभावी ऑपरेशन शामिल हैं. इन अभियानों के जरिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने महिलाओं, बेटियों, बच्चों और युवाओं सहित समाज के कमजोर तबकों की सुरक्षा को मजबूत किया है. खास तौर पर ऑपरेशन त्रिनेत्र ने जघन्य अपराधों के पर्दाफाश में अहम भूमिका निभाई और अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया.
यूपी पुलिस का अभियान, अपराधियों के लिए बना काल
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा, “सीएम योगी की मंशानुसार मिशन शक्ति फेज-5 के तहत यूपी पुलिस ने प्रदेश भर में दस ऑपरेशन चलाए. यूपी पुलिस का यह अभियान अपराधियों के लिए काल बन गया है.” उन्होंने बताया कि इन अभियानों के जरिए एक लाख से अधिक लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की गई. योगी सरकार का यह ‘दस का दम’ ऑपरेशन प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ है. इन प्रयासों से न केवल अपराध में कमी आई, बल्कि आम जनता में सुरक्षा और विश्वास की भावना भी बढ़ी है.
अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश की संकल्पना
सरकार की यह पहल सिर्फ अपराधियों को सजा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य एक सुरक्षित और समृद्ध उत्तर प्रदेश का निर्माण करना है. ‘दस का दम’ अभियान ने जमीन पर अपनी सफलता साबित की है और पुलिस के इस साहसिक कदम ने अपराधियों के मन में खौफ पैदा कर दिया है. आने वाले समय में भी यह नीति प्रदेश को अपराध से मुक्त करने की दिशा में कारगर सिद्ध होगी.