ब्राजील में मिली 11.3 करोड़ साल पुरानी चींटी, वैज्ञानिकों ने दिया ये खास नाम

Published on: 25 Apr 2025 | Author: Princy Sharma
Oldest Ant Discovered: वैज्ञानिकों ने पूर्वोत्तर ब्राजील में रहने वाली अब तक की सबसे पुरानी चींटी डिस्कवर की है जिसकी आयु 113 मिलियन वर्ष है, करंट बायोलॉजी पत्रिका में पब्लिशड डिटेल के अनुसार, इसे विज्ञान के लिए सबसे पुराना चींटी का नमूना बनाते हैं. लाइमस्टोन पत्थर में संरक्षित Hell Ants हैडोमिरमेसिनाई (Haidomyrmecinae) की सदस्य है. हैडोमिरमेसिनाई, एक सबफैमिली है जो केवल क्रेटेशियस पीरियड के समय था.
म्यूजू डे जूलोगिया यूनिवर्सिडेड डी साओ पाउलो के लेखक एंडरसन लेपेको ने कहा, 'हमारी टीम ने चींटियों के सबसे पुराने जियोलॉजिस्ट रिकॉर्ड का प्रतिनिधित्व करने वाली एक नई जीवाश्म (fossils) चींटी प्रजाति की खोज की है.' यह नमूना तब खोजा गया जब रिसचर्स क्रेटो फॉर्मेशन से जीवाश्म कीटों के दुनिया के सबसे बड़े कलेक्शन में से एक की व्यवस्थित रूप से जांच कर रहे थे. यह अपने असाधारण जीवाश्म स्ट्रक्चर के लिए फेमस है. यह यह म्यूजू डे जूलोगियादा यूनिवर्सिडेड डी साओ पाउलो में रखा गया है.
यह खोज समय के साथ चींटियों के विकास और उनकी बायोजियोग्राफी के बारे में ज्ञान को चुनौती देती है. पिछली सबसे पुरानी चींटियां फ्रांस और बर्मा में पाई गई थीं और उन्हें लाइमस्टोन पत्थर के बजाय एम्बर में संरक्षित किया गया था.
लेखक एंडरसन ने क्या कहा?
एंडरसन ने कहा, 'इस खोज को विशेष रूप से दिलचस्प बनाने वाली बात यह है कि यह विलुप्त (extinct) हो चुकी 'हैल एंट' से संबंधित है, जिन्हें उनके विचित्र शिकारी अनुकूलन के लिए जाना जाता है. एक प्राचीन वंश का हिस्सा होने के बावजूद, इस प्रजाति ने पहले से ही अत्यधिक शारीरिक विशेषताओं को प्रदर्शित किया है.'
टीम ने क्या लगाया पता
टीम ने माइक्रो-सीटी स्कैनिंग की मदद से 3D इमेजिंग से पता लगाया कि नई खोजी गई चींटी, पहले से ही बर्मी एम्बर (Burmese amber) में संरक्षित Hell Ants से निकटता से जुड़ी हुई है, जो म्यांमार में पाए जाते हैं. शोधकर्ताओं ने कहा, 'हालांकि हम Hell Ants की विशेषताएं खोजने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हम इसके खाने के उपकरण की जटिल संरचना को देखकर चौंक गए. इसकी पेचीदी बनावट से यह साफ होता है कि शुरुआती चींटियां भी पहले से ही अत्यधिक उन्नत शिकार करने की रणनीतियां अपनाती थीं. जो आज की आधुनिक चींटियों से काफी अलग थीं.'