Year Ender 2025: बाबा वांगा से नोस्त्रदमस तक, जानें 2025 की भविष्यवाणियों में किसकी बात निकली ज्यादा सही
Published on: 14 Dec 2025 | Author: Km Jaya
नई दिल्ली: साल 2025 खत्म होने को है और इसके साथ ही उन तमाम भविष्यवाणियों पर भी चर्चा तेज हो गई है, जिन्होंने पूरे साल इंटरनेट पर हलचल मचाए रखी. नोस्त्रदमस, बाबा वांगा और जापानी मंगा कलाकार रयो तात्सुकी की भविष्यवाणियां सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं.
लोगों ने इन्हें डर, जिज्ञासा और मनोरंजन के नजरिये से देखा. अब साल के अंत में यह सवाल उठ रहा है कि इन दावों में कितना सच निकला और क्या सिर्फ अफवाहें ही फैलीं. बाबा वांगा की भविष्यवाणियां 2025 में भी चर्चा में रहीं. सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि उन्होंने वैश्विक आर्थिक तबाही, एशिया में बड़ी प्राकृतिक आपदा और कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी खोज की भविष्यवाणी की थी.
बाबा वांगा की भविष्यवाणियों की सच्चाई
हकीकत में दुनिया को किसी बड़े आर्थिक पतन का सामना नहीं करना पड़ा, हालांकि बाजारों में उतार चढ़ाव जरूर रहा. एशिया में तेज तूफान और भूकंप जैसी घटनाएं हुईं, लेकिन किसी महाविनाश जैसी स्थिति नहीं बनी. कैंसर इलाज को लेकर जरूर कुछ सकारात्मक प्रगति सामने आई, जहां जीन थैरेपी पर बड़े शोध सामने आए.
नोस्त्रदमस की भविष्यवाणियां
नोस्त्रदमस की भविष्यवाणियां भी हर साल की तरह 2025 में अलग अलग तरह से व्याख्या की गईं. वायरल दावों में बड़े शासकों के पतन, जलवायु संकट और तकनीकी क्रांति की बातें कही गईं. साल के दौरान कई देशों में सत्ता परिवर्तन हुए, लेकिन कोई नाटकीय वैश्विक घटना नहीं हुई. जलवायु संकट जरूर गहराया और यूरोप में हीटवेव और जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ीं. तकनीक के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम रिसर्च में तेज प्रगति देखी गई.
रयो तात्सुकी की भविष्यवाणियां
जापानी मंगा कलाकार रयो तात्सुकी को 2025 में न्यू बाबा वांगा कहा गया. उन्होंने जुलाई 2025 में जापान और एशिया में विनाशकारी सुनामी की भविष्यवाणी की थी. इस दावे के बाद जापान में कई लोगों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी. हालांकि ऐसी कोई भयावह सुनामी नहीं आई.
कैसा रहा 2025?
2025 में इंस्टाग्राम और यूट्यूब के ज्योतिषी और टैरो रीडर भी नए भविष्यवक्ता बनकर उभरे. कई दावे बाद में सही लगने लगे, लेकिन कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया. कुल मिलाकर 2025 में न तो विश्व युद्ध हुआ, न ही एलियंस का संपर्क हुआ और न ही दुनिया का अंत आया. भविष्यवाणियां चर्चा का विषय बनी रहीं, लेकिन असल दुनिया में जीवन सामान्य रूप से आगे बढ़ता रहा.