रोल्स रॉयस, बेंटले, लैंड रोवर जैसी कई गाड़ियां हुई और सस्ती? ये है वजह

Published on: 09 May 2025 | Author: Reepu Kumari
भारत और ब्रिटेन के बीच नए मुक्त व्यापार समझौते से ब्रिटिश कारों और बाइकों पर आयात कर में उल्लेखनीय कमी आएगी, जिससे लक्जरी ब्रांडों और प्रीमियम मोटरसाइकिल निर्माताओं को लाभ होगा. भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच नए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की बदौलत ब्रिटिश कारें और बाइक भारत में और भी ज़्यादा सस्ती हो जाएँगी.HT ऑटो की रिपोर्ट के अनुसार, इस डील से ब्रिटेन से पूरी तरह से निर्मित वाहनों पर आयात कर 100 प्रतिशत से घटकर सिर्फ़ 10 प्रतिशत रह जाएगा, हालाँकि यह केवल सीमित संख्या में इकाइयों के लिए होगा.
इस कदम से खास तौर पर रोल्स रॉयस, बेंटले, जगुआर लैंड रोवर, लोटस, एस्टन मार्टिन और मैकलारेन जैसे ब्रिटिश लग्जरी कार ब्रांड को फायदा होगा.ट्रायम्फ, बीएसए (क्लासिक लीजेंड्स के स्वामित्व वाली) और नॉर्टन (टीवीएस के स्वामित्व वाली) जैसी प्रीमियम मोटरसाइकिल निर्माता कंपनियों को भी फायदा होगा.
कीमतों में बड़ी गिरावट होने के आसार
विशेष रूप से, इन उच्च-स्तरीय वाहनों को आमतौर पर भारत में पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) के रूप में आयात किया जाता है, जो उच्च आयात शुल्क के कारण उन्हें बहुत अधिक महंगा बनाता है. नए एफटीए के साथ, इन वाहनों की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है, जिससे वे भारतीय खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक बन जाएंगे - हालांकि कम कर केवल आयात की एक निश्चित संख्या पर लागू होगा.
ऑटो पार्ट्स उद्योग
यह सौदा भारत के ऑटो पार्ट्स उद्योग के लिए भी एक बड़ी जीत है, जो कई वैश्विक कार निर्माताओं को पुर्जे सप्लाई करता है.इससे ब्रिटेन में भारतीय निर्मित कारों और बाइकों, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है, क्योंकि एफटीए से भारतीय कंपनियों के लिए ब्रिटिश बाजार में प्रवेश करना आसान हो जाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, निसान और टोयोटा जैसी कार निर्माता कंपनियां, जिनकी यूके में फैक्ट्रियां हैं, अब अपने कुछ मॉडल CBU रूट के ज़रिए भारत में लाने पर विचार कर सकती हैं.यह सौदा चीनी ईवी निर्माताओं को भारत में ज़्यादा प्रीमियम उत्पाद पेश करने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकता है.
ईवाई इंडिया में पार्टनर और ऑटोमोटिव टैक्स लीडर सौरभ अग्रवाल ने कहा, "इस सौदे से हमारे ऑटो पार्ट्स निर्माताओं को ब्रिटेन में ज़्यादा बिक्री करने में मदद मिलेगी.भारतीय खरीदार भी वैश्विक स्तर पर लॉन्च होने के तुरंत बाद बेहतर कीमतों पर प्रीमियम कारें खरीद सकते हैं.लेकिन इससे भारतीय कार कंपनियों को बहुत ज़्यादा नुकसान होने की संभावना नहीं है, क्योंकि यहाँ ज़्यादातर खरीदार अभी भी ज़्यादा किफ़ायती गाड़ियाँ पसंद करते हैं."
कारों के अलावा, इस समझौते से अन्य उद्योगों को भी लाभ मिलने की उम्मीद है, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी और श्रम से जुड़े उद्योगों को.