इन दो शख्स के नाम से बना है Rolls-Royce लग्जरी कार? कहानी बहुत है दिलचस्प, बहुत कम लोगों को है पता

Published on: 11 May 2025 | Author: Reepu Kumari
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित लग्ज़री कार कंपनियों में से एक, Rolls-Royce का नाम केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि शाही लक्ज़री, बेहतरीन इंजीनियरिंग और क्लास का प्रतीक बन चुका है. पर क्या आप जानते हैं कि इस कार का नाम कैसे पड़ा? इसके पीछे की कहानी बेहद रोचक और प्रेरणादायक है.
Rolls-Royce नाम दो व्यक्तियों के नाम से मिलकर बना है – चार्ल्स रोल्स और हेनरी रॉयस. हेनरी रॉयस एक महान इंजीनियर थे, जो इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल सिस्टम्स के जानकार थे. उन्होंने 1904 में अपनी पहली कार बनाई थी – Royce 10 hp. वहीं चार्ल्स रोल्स एक धनी व्यापारी और मोटरिंग के शौकीन थे, जिनकी खुद की कार डीलरशिप थी.
ऐतिहासिक मुलाकात
1904 में एक मित्र के ज़रिए हेनरी रॉयस और चार्ल्स रोल्स की मुलाकात हुई. रोल्स, रॉयस की बनाई कार से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उसे अपने नाम से बेचने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने तय किया कि रॉयस कार बनाएंगे और रोल्स उन्हें मार्केटिंग व सेल्स के जरिए दुनिया के सामने पेश करेंगे.
Rolls-Royce की शुरुआत
1906 में दोनों ने मिलकर Rolls-Royce Limited कंपनी की स्थापना की. कंपनी का पहला मॉडल *Rolls-Royce 40/50 hp* था, जिसे बाद में Silver Ghost नाम दिया गया और यह कार दुनिया की सबसे बेहतरीन कार मानी गई.
नाम में छिपी विरासत
Rolls-Royce का नाम इसलिए रखा गया ताकि दोनों भागीदारों के योगदान को दर्शाया जा सके. Rolls दर्शाता है चार्ल्स रोल्स की कारोबारी बुद्धिमत्ता को, जबकि Royce दर्शाता है हेनरी रॉयस की तकनीकी कुशलता को. यह नाम न सिर्फ एक साझेदारी का प्रतीक बना, बल्कि उच्च गुणवत्ता, परफेक्शन और शाही जीवनशैली का पर्याय भी बन गया. आज Rolls-Royce न सिर्फ एक कार ब्रांड है, बल्कि यह एक विरासत है जो दो महान दिमागों की साझेदारी का नतीजा है. उनका यह संयुक्त नाम आज भी दुनिया भर में भरोसे, लग्ज़री और गुणवत्ता की पहचान है.