NEET-UG परीक्षा आज दोपहर 2 बजे से शुरु, कड़ी निगरानी के बीच 22.7 लाख कैंडिडेट आजमाएंगे अपनी किस्मत

Published on: 04 May 2025 | Author: Reepu Kumari
NEET UG Exam 2025: देशभर में सभी NEET-UG परीक्षा केंद्रों पर शनिवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, क्योंकि रविवार को 22.7 लाख उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होने वाले हैं. एक साल पहले पेपर लीक विवाद ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा को हिलाकर रख दिया था, जिससे केंद्र और NTA में हड़कंप मच गया था. परीक्षा करीब 500 शहरों में 5,453 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जबकि पिछले साल 4,750 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा के लिए करीब 22.7 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है, जबकि पिछले साल यह संख्या 24 लाख थी.
शिक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, 'परीक्षा के दिन निगरानी की तीन परतें होंगी - जिला, राज्य और केंद्र स्तर पर.' राज्यों के प्राधिकारियों को पानी, निर्बाध बिजली आपूर्ति तथा प्राथमिक चिकित्सा/एम्बुलेंस सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन
पिछले साल NEET UG पेपर लीक के मद्देनजर , केंद्र ने पूर्व ISRO अध्यक्ष के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसे 'पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष तरीके से' सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने के उपायों की सिफारिश करनी थी. समिति ने राज्य और जिला स्तर पर समन्वय पैनलों के माध्यम से चुनावों की तर्ज पर सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने की सिफारिश की थी.
सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने और व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के लिए डीएम की अध्यक्षता में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहित जिला स्तरीय समन्वय समितियां गठित की गई हैं. केंद्र द्वारा पिछले साल जून में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद यह पहली NEET-UG परीक्षा होगी.
नियमों में अनुचित साधनों की रिपोर्ट करने के लिए प्रक्रियाएं निर्धारित की गई हैं, जबकि अधिनियम में दंड का उल्लेख किया गया है, जिसमें संगठित अपराध के मामले में 10 वर्ष तक का कारावास और कम से कम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है. (सार्वजनिक परीक्षा में गलत लाभ के लिए साझा हित को बढ़ावा देने के लिए अनुचित साधन का प्रयोग).
सूत्रों ने बताया कि अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पाए जाने वाले अभ्यर्थियों को अधिनियम के तहत दंड का सामना करना पड़ेगा तथा उन्हें तीन वर्ष तक एनटीए की परीक्षाओं में बैठने से भी वंचित कर दिया जाएगा.