Michael Madsen Dies: रिजर्वायर डॉग्स के एक्टर माइकल मैडसेन का निधन, हार्ट अटैक से गई जान

Published on: 04 Jul 2025 | Author: Babli Rautela
Michael Madsen Dies: हॉलीवुड के दिग्गज एक्टर माइकल मैडसेन, जिन्हें क्वेंटिन टारनटिनो की फिल्मों 'रिजर्वायर डॉग्स', 'किल बिल: वॉल्यूम 1 और 2', 'द हेटफुल एट', और 'वन्स अपॉन ए टाइम इन हॉलीवुड' में उनके यादगार और खतरनाक किरदारों के लिए जाना जाता है, का 3 जुलाई, 2025 को निधन हो गया. वह 67 साल के थे. लॉस एंजिल्स काउंटी शेरिफ़ डिपार्टमेंट के वॉच कमांडर क्रिस्टोफर जौरेगुई ने बताया कि मैडसेन को गुरुवार सुबह कैलिफोर्निया के मालिबू में उनके घर में बेहोश पाया गया और उन्हें मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया. उनके मैनेजर रॉन स्मिथ ने पुष्टि की कि मृत्यु का कारण कार्डियक अरेस्ट था.
मैडसेन का करियर चार दशकों से अधिक समय तक फैला, जिसमें उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों और टीवी शोज में काम किया. वह अक्सर छोटे-मोटे ठग, गैंगस्टर, या संदिग्ध पुलिस अधिकारियों जैसे किरदारों में नजर आए, लेकिन टारनटिनो ने उनकी इस छवि को अहम किरदारों में ढालकर उन्हें दुनियाभर पहचान दिला दी.
माइकल मैडसेन का निधन
मैडसेन ने 2012 में एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि उन्हें यह सीन करना बेहद मुश्किल लगा, खासकर जब एक्टर किर्क बाल्ट्ज ने अपनी जान की भीख मांगते हुए बच्चों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'मैंने बस यही कहा, 'हे भगवान,' मैं यह नहीं कर सकता, मैं यह नहीं करना चाहता था. अभिनय एक बहुत ही अपमानजनक पेशा है.' फिर भी, यह दृश्य उनकी अभिनय क्षमता का प्रतीक बन गया.
टारनटिनो के साथ उनके सहयोग ने उन्हें 'किल बिल: वॉल्यूम 1' में बड (साइडवाइंडर) और 'वॉल्यूम 2' में एक प्रमुख किरदार के रूप में स्थापित किया, जहां उन्होंने उमा थुरमन की नायिका को जिंदा दफनाने का दृश्य निभाया. इसके अलावा, वह 'द हेटफुल एट' में जो गेज और 'वन्स अपॉन ए टाइम इन हॉलीवुड' में एक छोटी भूमिका में नजर आए.
एक्टर के अलावा कवि और फोटोग्राफर
मैडसेन केवल एक एक्टर ही नहीं, बल्कि एक प्रकाशित कवि और कुशल फोटोग्राफर भी थे. उनकी कविता संग्रह जैसे 'बर्निंग इन पैराडाइज़' और 'एक्सपेक्टिंग रेन' उनकी भावनात्मक गहराई को दर्शाते हैं. उनकी आगामी किताब 'टीयर्स फॉर माय फादर: आउटलॉ थॉट्स एंड पोएम्स' भी रिलीज के लिए तैयार थी. टारनटिनो ने इस किताब के लिए प्रस्तावना में लिखा, 'माइकल एक लेखक के रूप में मर्दानगी के अर्थ को तलाश रहे हैं, एक ऐसे विश्व में जहां पुरुषत्व की धारणाएं अब मुश्किल से याद की जाती हैं.'