दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध, बीजेपी की साजिश का पर्दाफाश, आम आदमी पार्टी ने खोली पोल

Published on: 04 Jul 2025 | Author: Mayank Tiwari
देश की राजधानी दिल्ली में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध को लेकर बीजेपी सरकार की नीति पर सवाल उठ रहे हैं. आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर ऑटोमोबाइल कंपनियों के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया और दावा किया कि यह तुगलकी फरमान दिल्ली के 61 लाख लोगों को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर करने की साजिश थी. बीजेपी के इस कदम को कोर्ट के आदेश का बहाना बताने की कोशिश को भी आप ने बेनकाब किया.
बीजेपी का तुगलकी फरमान
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी सरकार के फैसले पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने फरवरी 2025 में दिल्ली में सरकार बनते ही पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर लिया था. “आप ने दिल्लीवालों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने अपनी एकजुटता के जरिए बीजेपी सरकार के कई तुगलकी फरमानों को वापस लेने के लिए मजबूर किया है.” उन्होंने बताया कि पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने 1 मार्च 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि 31 मार्च के बाद पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा. हालांकि, यह प्रतिबंध 1 जुलाई से लागू किया गया.
कोर्ट के आदेश का बहाना
बीजेपी सरकार ने दावा किया कि यह प्रतिबंध कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग (सीएक्यूएम) के आदेश के कारण लगाया गया. लेकिन सौरभ भारद्वाज ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा, “बीजेपी बहानेबाजी कर रही है कि यह कोर्ट का आदेश था. लेकिन सच तो यह है कि पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पहली बार 7 अप्रैल 2015 को और सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल 2015 को आदेश दिया था.” उन्होंने बताया कि 2015 से 2025 तक दिल्ली में आप की सरकार थी, लेकिन उसने कभी भी पुरानी गाड़ियों पर ईंधन देने की रोक का फरमान जारी नहीं किया. वहीं, बीजेपी ने सरकार बनते ही पांच महीनों के भीतर यह कदम उठा लिया.
साजिश का खुलासा
सौरभ भारद्वाज ने खुलासा किया कि मनजिंदर सिंह सिरसा ने 1 मार्च 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुरानी गाड़ियों पर ईंधन देने की रोक की घोषणा की थी, जबकि सीएक्यूएम का पत्र 23 अप्रैल 2025 को आया. “इससे साफ है कि बीजेपी ने सरकार बनने के तुरंत बाद ही तय कर लिया था कि दिल्ली की सड़कों से 61 लाख पुरानी गाड़ियों को हटाकर लोगों को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर करना है.” उन्होंने आरोप लगाया कि सीएक्यूएम, जो केंद्र सरकार के अधीन है, और बीजेपी की दिल्ली सरकार ने मिलकर यह तुगलकी फरमान थोपा. इसका उद्देश्य ऑटोमोबाइल कंपनियों को लाभ पहुंचाना और लाखों नई गाड़ियों की बिक्री सुनिश्चित करना था.
जनता और आप का विरोध
जब बीजेपी सरकार ने पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन देने से रोकने की बात कही, तब इसके खिलाफ केवल दिल्ली की जनता और आम आदमी पार्टी ने आवाज उठाई. “पेट्रोल पंपों पर पुरानी गाड़ियों को जब्त करने के लिए 400 टीमें लगाई जाएंगी, यह कहकर बीजेपी सरकार के मंत्री उछल-उछल कर प्रचार कर रहे थे.” लेकिन आप ने एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाते हुए इस आदेश का लगातार विरोध किया. जनता के दबाव के कारण बीजेपी को अंततः यह तुगलकी फरमान वापस लेना पड़ा.
थ्री व्हीलर पर भी साजिश
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी ने तुगलकी फरमान जारी किया. सरकार बनते ही बीजेपी ने थ्री व्हीलर वाहनों के लिए भी ऐसा ही आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि नए थ्री व्हीलर केवल इलेक्ट्रिक होंगे और पुराने थ्री व्हीलरों की उम्र तय कर दी गई. इसका मकसद ऑटो चालकों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए मजबूर करना था. लेकिन ऑटो चालकों के विरोध के बाद बीजेपी को वह फरमान भी वापस लेना पड़ा. “अब दिल्ली की जनता ने विरोध किया तो बीजेपी सरकार ने यू-टर्न लेते हुए पुरानी गाड़ियों को ईंधन न देने का तुगलकी फरमान वापस लिया.”
भ्रष्टाचार की जांच की मांग
सौरभ भारद्वाज ने सीएक्यूएम के आदेश की जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि 3 जुलाई 2025 को मनजिंदर सिंह सिरसा द्वारा सीएक्यूएम को लिखा गया पत्र केवल दिखावा है. “सीएक्यूएम के आदेश की जांच होनी चाहिए, इसमें बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा है. यह स्कीम कहां और क्यों बनाई गई, और किन लोगों ने इसमें हिस्सा लिया, इसकी गहन जांच होनी चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार ने यह प्रतिबंध किसी मजबूरी में नहीं, बल्कि ऑटोमोबाइल कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए लगाया था.
दिल्ली की जनता की जीत
सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली की जनता को उनकी एकजुटता के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि जनता और आप के लगातार विरोध के कारण बीजेपी को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा. यह दिल्लीवासियों की ताकत का प्रतीक है कि उन्होंने बीजेपी के तुगलकी फरमान को नाकाम कर दिया. “जब बीजेपी की चोरी पकड़ी गई, तो दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने सीएक्यूएम को पत्र लिखकर कहा कि सरकार पुरानी गाड़ियों पर ईंधन देने का प्रतिबंध नहीं लागू कर पाएगी.” यह पत्र बीजेपी की अपनी साजिश में फंसने का सबूत है.
भविष्य की रणनीति
आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह दिल्ली की जनता के हितों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी की ऐसी नीतियां, जो जनता पर बोझ डालती हैं, कभी स्वीकार नहीं की जाएंगी. आप ने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे एकजुट रहें और ऐसी साजिशों का डटकर मुकाबला करें. इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दिल्ली की जनता और आप मिलकर किसी भी अन्यायपूर्ण नीति को बदलने की ताकत रखते हैं.