National Herald case: 'ED का केस अजीब, बिना किसी प्रापर्टी के मनी लॉन्ड्रिंग का मामला', सोनिया गांधी की कोर्ट में दलील

Published on: 04 Jul 2025 | Author: Mayank Tiwari
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार (4 जुलाई) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नेशनल हेराल्ड मामले को “वास्तव में एक अजीब” और “अभूतपूर्व” करार दिया. यह बयान ईडी के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू द्वारा 3 जुलाई को मामले में दाखिल चार्जशीट की स्वीकृति पर अपनी दलीलें पूरी करने के बाद सिंघवी की प्रतिक्रिया के रूप में आया.
‘संपत्ति के बिना मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप’
सिंघवी ने कोर्ट में तर्क दिया कि यह मामला अपने आप में अनोखा है. उन्होंने कहा, “यह वास्तव में एक अजीब मामला है. इससे भी ज्यादा अजीब. अभूतपूर्व. यह मनी लॉन्ड्रिंग का कथित मामला है, जिसमें न तो कोई संपत्ति है और न ही संपत्ति का उपयोग या प्रदर्शन.” ईडी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के साथ-साथ सुमन दूबे, सैम पित्रोदा और निजी कंपनी यंग इंडियन पर साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है. ईडी का दावा है कि इन लोगों ने नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को धोखाधड़ी से हड़प लिया.
यंग इंडियन और एजेएल का मामला
ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार ने यंग इंडियन में 76% हिस्सेदारी हासिल की, जिसने 90 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले एजेएल की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया. सिंघवी ने इसका खंडन करते हुए कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एजेएल को कर्जमुक्त करने के लिए थी. “हर कंपनी को कानून के तहत यह अधिकार है और वह प्रतिदिन ऐसा करती है कि विभिन्न उपायों से अपनी कंपनियों को कर्जमुक्त बनाए. आप कर्ज को हटाकर उसे किसी अन्य इकाई को सौंप देते हैं. इससे कंपनी कर्जमुक्त हो जाती है,” सिंघवी ने तर्क दिया.
यंग इंडियन की गैर-लाभकारी प्रकृति
सिंघवी ने जोर देकर कहा कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है. “इसका मतलब है कि यह कंपनी न तो लाभांश दे सकती है, न विशेषाधिकार, न वेतन, न बोनस. यह कुछ भी नहीं दे सकती,” उन्होंने कहा. उन्होंने यह भी बताया कि ईडी ने कई वर्षों तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और एक निजी शिकायत को आधार बनाया.
कांग्रेस से जुड़ाव का तर्क
सिंघवी ने कहा, “वे लोग स्पष्ट रूप से कांग्रेस से जुड़े हैं. नेशनल हेराल्ड को कांग्रेस से असंबद्ध निकाय में रखना ऐसा होगा जैसे हेमलेट को डेनमार्क के राजकुमार के बिना नाटक करना.” उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मौजूदा कोर्ट को इस मामले की सुनवाई का अधिकारक्षेत्र नहीं है.
ईडी की चार्जशीट
3 जुलाई को राजू ने दलील दी थी कि गांधी परिवार यंग इंडियन के “लाभकारी मालिक” थे और अन्य शेयरधारकों की मृत्यु के बाद इसका पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया. ईडी ने गांधी परिवार, दूबे, पित्रोदा, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 (मनी लॉन्ड्रिंग) और धारा 4 (मनी लॉन्ड्रिंग की सजा) के तहत चार्जशीट दाखिल की है.