पहलगाम हमले का बदला लेने वाले ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी ब्रह्मोस मिसाइलों की डिमांड, सेना देगी बड़ा ऑर्डर

Published on: 05 Aug 2025 | Author: Gyanendra Sharma
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सैन्य ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाने के तुरंत बाद, भारतीय सेनाएं भारत-रूस संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए बड़े ऑर्डर दे रही हैं. शीर्ष रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय बैठक में भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए बड़ी संख्या में ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीद को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है, साथ ही भारतीय वायु सेना के लिए इन हथियारों के जमीन और हवा से प्रक्षेपित संस्करणों की खरीद को भी मंजूरी दी जाएगी.
चार दिनों तक चले संघर्ष के दौरान पूरे पाकिस्तान में स्थित पाकिस्तानी हवाई अड्डों और सेना की छावनियों पर मिसाइलों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया. सूत्रों ने बताया कि नौसेना इन मिसाइलों का इस्तेमाल अपने वीर श्रेणी के युद्धपोतों को सुसज्जित करने के लिए करेगी, जबकि भारतीय वायु सेना इनका इस्तेमाल अपने रूसी मूल के सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू जेट बेड़े को सुसज्जित करने के लिए करेगी.
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघर्ष में स्वदेशी हथियार प्रणालियों के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने हमारे स्वदेशी हथियारों की क्षमताओं को देखा. हमारी वायु रक्षा प्रणालियों, मिसाइलों और ड्रोनों ने, विशेष रूप से ब्रह्मोस मिसाइलों ने, 'आत्मनिर्भर भारत' की ताकत साबित की है."
संघर्ष के पहले चरण में, जब भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचे पर हमले शुरू किए, जिसमें पाकिस्तानी पंजाब प्रांत में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मुख्यालय भी शामिल थे, तो ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय वायु सेना का पसंदीदा हथियार था, जिसने लक्ष्यों पर बड़ी सटीकता से प्रहार किया.
ब्रह्मोस ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को और अधिक नुकसान पहुंचाया, जिसके कारण पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों और उनके बुनियादी ढांचे की रक्षा करते हुए जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की.