'भारत से रिश्ते मत बिगाड़ो', टैरिफ की धमकी को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने ट्रंप को दी चेतावनी

Published on: 05 Aug 2025 | Author: Kuldeep Sharma
निक्की हेली ने ट्रंप के उस बयान पर नाराज़गी जताई है जिसमें उन्होंने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ और बढ़ाने की बात कही थी. उन्होंने चीन को मिली रियायतों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर अमेरिका अपने सहयोगी भारत से सख्ती करता है और चीन को छूट देता है, तो यह अमेरिका की दोहरी नीति को दर्शाता है. ट्रंप ने यह कदम भारत पर दबाव बनाने के लिए उठाने की बात कही, जबकि भारत अपनी ऊर्जा नीति को राष्ट्रीय हितों से जुड़ा मसला बताता रहा है.
निक्की हेली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए ट्रंप की नीति की आलोचना की. उन्होंने लिखा, “भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन जो अमेरिका का प्रतिद्वंद्वी है और रूस व ईरान से सबसे अधिक तेल खरीदता है, उसे 90 दिन की टैरिफ छूट दी गई.” हेली का कहना था कि इस तरह की नीति से अमेरिका अपने ही सहयोगियों को खो देगा.
टैरिफ और रूस से तेल खरीद का मुद्दा
ट्रंप ने हाल ही में मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत के पास दुनिया की सबसे ऊंची टैरिफ दरें हैं और भारत, रूस से तेल खरीद कर "युद्ध मशीन" को ईंधन दे रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि वे भारत के निर्यात पर पहले से लागू 25% टैरिफ को और अधिक बढ़ाने जा रहे हैं.
India should not be buying oil from Russia. But China, an adversary and the number one buyer of Russian and Iranian oil, got a 90-day tariff pause. Don’t give China a pass and burn a relationship with a strong ally like India.
— Nikki Haley (@NikkiHaley) August 5, 2025
भारत की सफाई, राष्ट्रीय हित सर्वोपरि
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसकी ऊर्जा नीति पूरी तरह राष्ट्रीय हितों और उपभोक्ता की जरूरतों पर आधारित है. विदेश मंत्रालय ने यह भी याद दिलाया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे पश्चिमी देश भी रूस के साथ व्यापारिक और ऊर्जा संबंध बनाए हुए हैं, फिर भारत पर सवाल क्यों?
अमेरिका-भारत संबंधों के भविष्य पर चिंतन
निक्की हेली ने पहले भी कई बार भारत को अमेरिका का भरोसेमंद रणनीतिक साझेदार बताया है, खासकर चीन की बढ़ती ताकत को संतुलित करने के लिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों से रिश्ते खराब करता है, तो इसका खामियाजा लंबे समय तक भुगतना पड़ सकता है.