किन्नौर में बादल फटने से बने बाढ़ जैसे हालात, NH-5 बंद, किन्नर कैलाश यात्रा स्थगित

Published on: 05 Aug 2025 | Author: Kuldeep Sharma
किन्नौर में बादल फटने और लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. रिब्बा, कामरु और तांगलिंग जैसे क्षेत्रों में नाले उफान पर हैं, जिससे जमीन धंसने, पुल बहने और रास्ते बंद होने जैसी घटनाएं सामने आई हैं. किन्नर कैलाश यात्रा फिलहाल रोक दी गई है और NH-5 पर यातायात पूरी तरह बंद है. प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और गैर-ज़रूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है.
किन्नौर के कामरु, रिब्बा और तांगलिंग नालों में अचानक पानी का तेज बहाव देखा गया, जिससे स्थानीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई. ग्रामीणों के अनुसार, यह बाढ़ किन्नर कैलाश पर्वतमाला में बादल फटने की वजह से आई. बाढ़ की चपेट में सेब के बगीचों और खेती की जमीन को नुकसान पहुंचा है. कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी हुई हैं, जिससे सड़कें और रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं.
किन्नर कैलाश यात्रा स्थगित, पुल बहने से रास्ते बंद
तांगलिंग खड्ड में आई बाढ़ से दो लकड़ी के पुल बह गए, जिससे यात्रा मार्ग पूरी तरह ठप हो गया. इसी के चलते प्रशासन ने किन्नर कैलाश यात्रा तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी है. गणेश पार्क और तांगलिंग में रुके यात्रियों को वहीं रोका गया है और आगे की यात्रा पर रोक लगा दी गई है. प्रशासन का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते, तब तक यात्रा दोबारा शुरू नहीं की जाएगी.
NH-5 पर यातायात ठप, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
रिब्बा नाले में आई बाढ़ के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-5 को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इस मार्ग के जल्द खुलने की कोई संभावना नहीं जताई गई है. प्रशासन ने सभी गाड़ियों को प्रभावित क्षेत्रों से दूर हटवा दिया है और लोगों से अपील की है कि वे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाएं. सांगला, कल्पा और निचार क्षेत्रों में भी लगातार बारिश जारी है, जिससे भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं.
पुलिस तैनात, एडवेंचर और पर्यटन गतिविधियों पर रोक
प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए आसपास के इलाकों में पुलिस बल तैनात कर दिया है ताकि कोई भी व्यक्ति यात्रा मार्ग में प्रवेश न कर सके. साथ ही, ऊंचाई वाले इलाकों में सभी पर्यटन और साहसिक गतिविधियों पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है. पंचायत और राहत दलों को स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं और नुकसान का आकलन मौसम सामान्य होने के बाद किया जाएगा.