'21 दिन आंखों पर पट्टी, 24 घंटे गालियां', पाकिस्तान की कैद से लौटे भारत लौटे जवान ने सुनाई आपबीती

Published on: 15 May 2025 | Author: Anvi Shukla
BSF Jawan Pakistan Custody: BSF के जवान पूर्णम कुमार शॉ को 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में गश्त के दौरान गलती से सीमा पार चले जाने पर पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था. इसके बाद उन्हें 21 दिनों तक पाकिस्तानी हिरासत में रखा गया, जहां उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया.
सूत्रों के मुताबिक, जवान शॉ को पाकिस्तानी अधिकारियों ने लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. उन्हें आंखों पर पट्टी बांधकर रखा गया, सोने नहीं दिया गया और गालियां दी गईं. हालांकि उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया गया, लेकिन पूछताछ के दौरान मानसिक दबाव बनाया गया.
BSF तैनाती को लेकर की गई पूछताछ
पाकिस्तानी अधिकारियों ने सिविल ड्रेस में आकर शॉ से भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ की तैनाती और वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी देने का प्रयास किया. उनसे संपर्क नंबर भी पूछे गए, लेकिन बीएसएफ प्रोटोकॉल के तहत उनके पास मोबाइल नहीं था, जिससे वह जानकारी देने में असमर्थ रहे.
तीन गुप्त स्थानों पर रखा गया
पाकिस्तान में 24वीं बीएसएफ बटालियन के जवान शॉ को तीन अज्ञात स्थानों पर ले जाया गया, जिनमें से एक स्थान किसी एयरबेस के पास था, जहां उन्हें विमानों की आवाजें सुनाई देती थीं. एक स्थान पर उन्हें जेल में भी डाला गया, जहां उन्हें बुरी तरह अलग-थलग रखा गया.
वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंपा गया
21 दिनों की हिरासत के बाद पाकिस्तान ने शॉ को वाघा-अटारी बॉर्डर पर भारत को सौंप दिया. वापसी के बाद जवान को उनके परिवार से बात करने की अनुमति दी गई और औपचारिक डिब्रीफिंग की गई. फिलहाल उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति स्थिर बताई जा रही है. पाकिस्तानी हिरासत में पहने गए कपड़ों की सुरक्षा जांच के बाद उन्हें नष्ट कर दिया गया.
'किसान गार्ड' के रूप में कर रहे थे सेवा
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले से आने वाले जवान शॉ ‘किसान गार्ड’ यूनिट का हिस्सा थे, जो सीमा पर भारतीय किसानों की सुरक्षा में तैनात रहती है.
यह रिहाई ऐसे समय हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तीन दिन तक चले संघर्ष के बाद युद्धविराम की घोषणा हुई. इस दौरान भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था.