'पृथ्वी पर ऐसा कौन कर सकता है...',शशि थरूर ने विक्रम मिसरी के खिलाफ ऑनलाइन ट्रोल को किया खारिज

Published on: 12 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री को निशाना बनाया जा रहा है. जहां इस घटना के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उनका पुरजोर बचाव किया है. निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में थरूर ने मिसरी के खिलाफ ऑनलाइन हमलों को "बेतुका" करार दिया और इस अनुभवी राजदूत की प्रशंसा की कि उन्होंने "हाल के भारत-पाकिस्तान संबंधों में सबसे तनावपूर्ण क्षणों में से एक" को धैर्यपूर्वक और प्रभावी ढंग से संभाला.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी की प्रशंसा की, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद के दिनों में प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल थीं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने "बिना किसी उन्माद के बहुत ही शांत और पेशेवर तरीके से बात की," और उनके आचरण को "अद्भुत रूप से प्रभावशाली" बताया.
विक्रम मिसरी ने बेहतरीन काम किया- शशि थरूर
इस दौरान विदेश सचिव की प्रतिबद्धता और पेशेवराना अंदाज़ की सराहना करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, "मुझे लगता है कि युवा विक्रम मिसरी ने बेहतरीन काम किया है. "उन्होंने बहुत मेहनत की है, बहुत लंबे समय तक काम किया है, और वे भारत के लिए बेहद मेहनती और प्रभावी आवाज़ हैं. प्रतिक्रिया पर अविश्वास व्यक्त करते हुए थरूर ने कहा, "मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर कौन ट्रोल करेगा और क्यों? वे किस बात की आलोचना कर सकते हैं और ये लोग क्या अलग या बेहतर कर सकते थे?"
भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम पर क्यों ट्रोल हुए विदेश सचिव!
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर भारत द्वारा हमलों के बाद बढ़े तनाव के बीच , संकट के दौरान भारत की रणनीतिक स्थिति को बताने में मिसरी ने केंद्रीय भूमिका निभाई है.
हालांकि, 10 मई को, जब उन्होंने घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान भूमि, समुद्र और हवा में सैन्य कार्रवाई को पूरी तरह से रोकने के लिए एक समझौते पर पहुंच गए हैं, तो मिसरी सोशल मीडिया पर समन्वित ट्रोलिंग का टारगेट बन गए.ऑनलाइन हमलों में उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाने के आरोप शामिल थे, यहां तक कि उनके परिवार के बारे में पर्सनल जानकारी भी सार्वजनिक कर दी गई.
नेताओं, राजनयिकों ने ऑनलाइन ट्रोल्स की निंदा की
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के बचाव में बड़ी संख्या में राजनीतिक नेताओं और पूर्व राजनयिकों ने आवाज उठाई है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर समर्थन का एक कड़ा संदेश पोस्ट किया, जिसमें मिसरी को “हमारे देश के लिए अथक परिश्रम करने वाला एक सभ्य, ईमानदार, मेहनती राजनयिक” बताया। उन्होंने आलोचकों को याद दिलाया कि सिविल सेवक चुनी हुई सरकारों के निर्देशों के तहत काम करते हैं.
ओवैसी ने लिखा, "हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं - यह याद रखना चाहिए - और उन्हें कार्यपालिका या वतन-ए-अजीज को चलाने वाले किसी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए."
निर्णय लेना सरकार की जिम्मेदारी है अधिकारियों की नहीं- सपा सुप्रीमों
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इसी तरह की भावनाएँ दोहराईं, उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के "निराधार और घृणास्पद बयान" समर्पित अधिकारियों को हतोत्साहित कर सकते हैं. यादव ने कहा, "निर्णय लेना सरकार की जिम्मेदारी है - व्यक्तिगत अधिकारियों की नहीं.