पाकिस्तानी महिला से शादी की बात छिपाने पर नप गए CRPF के जवान मुनीर अहमद, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर घमासान

Published on: 03 May 2025 | Author: Garima Singh
Munir ahmad: CRPF ने एक सनसनीखेज मामले में जवान मुनीर अहमद को पाकिस्तानी नागरिक मीनल खान से शादी छिपाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप में तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया. यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर से भोपाल ट्रांसफर के एक दिन बाद हुई, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा और अनुशासन के सवाल खड़े किए हैं.
CRPF ने बयान जारी कर कहा, “गंभीर चिंता का विषय यह है कि CRPF की 41 बटालियन के सीटी/जीडी मुनीर अहमद को एक पाकिस्तानी नागरिक से अपनी शादी को छिपाने और वीजा की वैधता से अधिक समय तक उसे जानबूझकर शरण देने के कारण तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.' बयान में आगे कहा गया, “उनके कार्यों को सेवा आचरण का उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक पाया गया.'
CRPF sacks jawan Munir Ahmed who "concealed" his marriage with Pakistani woman, says conduct detrimental to national security: Officials. pic.twitter.com/bDSzPzSttO
— Press Trust of India (@PTI_News) May 3, 2025
विवाह और अनुमति विवाद
मुनीर अहमद ने 2023 में पाकिस्तान के सियालकोट की मीनल खान से शादी की अनुमति मांगी थी. हालांकि, बिना विभागीय मंजूरी के उन्होंने 24 मई 2024 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विवाह कर लिया. मीनल मार्च 2025 में विजिटिंग वीजा पर भारत आईं, जिसकी वैधता 22 मार्च को समाप्त हो गई थी. इसके बाद उन्होंने दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन किया था.
पहलगाम हमले के बाद निर्वासन का खतरा
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए, जिसके चलते मीनल को अटारी-वाघा सीमा पर निर्वासन के लिए भेजा गया. जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने 30 अप्रैल को अंतरिम आदेश जारी कर उन्हें 10 दिन की राहत दी. मीनल के वकील अंकुश शर्मा ने कहा, “मुनीर अहमद, जो सीआरपीएफ कांस्टेबल है, उन्होंने 2.5 महीने पहले पाकिस्तानी नागरिक मीनल खान से शादी की थी. वह विजिटिंग वीजा पर भारत आई थी और फिर उसने दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन किया था.
मीनल की अपील
मीनल ने सरकार से परिवार को एकजुट रखने की गुहार लगाई. पीटीआई के हवाले से उन्होंने कहा, “हमें परिवार के साथ रहने की अनुमति दी जानी चाहिए.' साथ ही, “हम हमले में निर्दोष लोगों की बर्बर हत्या की निंदा करते हैं. उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए.' सीआरपीएफ ने मुनीर के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है, जिसमें वीजा नियमों के उल्लंघन और गलत बयानी के आरोप शामिल है.