'ट्रंप का कोई रोल नहीं, भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत से...', ऑपरेशन सिंदूर पर एस. जयशंकर का बड़ा दावा

Published on: 22 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने के दावों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हालिया तनाव कम करने की प्रक्रिया दोनों देशों के बीच सीधे संवाद से हुई. नीदरलैंड्स के एनओएस को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने बताया, "हां, हमारे पास एक हॉटलाइन के जरिए बातचीत का तंत्र है. 10 मई को पाकिस्तानी सेना ने मैसेज भेजा कि वे गोलीबारी रोकने को तैयार हैं, और हमने उसी के अनुसार जवाब दिया."
पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर
यह घटनाक्रम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई. इसके जवाब में भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों के 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.
भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत से ही निकला समाधान
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका सहित कई देशों ने संकट के दौरान संपर्क किया, लेकिन समाधान द्विपक्षीय था. उन्होंने कहा, "अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो और उपराष्ट्रपति वैंस ने मुझसे और हमारे प्रधानमंत्री से बात की. खाड़ी देशों सहित अन्य देश भी संपर्क में थे. यह स्वाभाविक है कि जब दो देशों में तनाव हो, तो अन्य देश अपनी चिंता जताते हैं. लेकिन गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई का अंत भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे बातचीत से हुआ. हमने सभी से स्पष्ट कहा कि अगर पाकिस्तान गोलीबारी रोकना चाहता है, तो उनके जनरल को हमारे जनरल से सीधे कहना होगा."
ट्रम्प के दावे का किया खंडन
ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने व्यापार के जरिए युद्धविराम कराया. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान और भारत के बीच जो हुआ, उसे हमने सुलझाया. मैंने इसे व्यापार के जरिए हल किया. भारत और पाकिस्तान के साथ हम बड़ा व्यापार कर रहे हैं." हालांकि, जयशंकर ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि 10 मई को पाकिस्तानी हमले के जवाब में भारत ने उनके आठ हवाई अड्डों को निशाना बनाया, जिसके बाद युद्धविराम हुआ.
आतंकवाद पर भारत का रुख
जयशंकर ने मोदी सरकार के आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख को दोहराया. "हमारी सरकार स्पष्ट है. अगर ऐसा हमला होता है, तो जवाब दिया जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर में हमने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जो संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल हैं." उन्होंने जोड़ा, "ऑपरेशन सिंदूर का संदेश स्पष्ट है: अगर 22 अप्रैल जैसे हमले होंगे, तो हम आतंकियों को उनके ठिकानों पर मारेंगे."