Operation Sindoor: तकनीक, इरादा और 25 मिनट में खेल खत्म...जानें बालाकोट और उरी से कैसे अलग था ऑपरेशन सिंदूर

Published on: 07 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
7 मई 2025 को तड़के 1:44 बजे भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. ये हमले 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थे, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को स्तब्ध कर दिया. रक्षा मंत्रालय ने कहा, “कोई भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा निशाना नहीं बनी.”
बालाकोट और उरी से कैसे अलग था ऑपरेशन सिंदूर
14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में 40 CRPF जवानों की शहादत के 12 दिन बाद भारत ने खैबर पख्तूनख्वा में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया. भारत ने कहा, “JeM, जिसका मुख्यालय बहावलपुर में है, दो दशकों से सक्रिय है और 2001 में भारतीय संसद व 2016 में पठानकोट हमले के लिए जिम्मेदार है.”
18 सितंबर 2016 को उरी में जैश के आतंकियों ने सेना मुख्यालय पर हमला कर 17 सैनिकों को शहीद किया. जवाब में, 28 सितंबर को भारतीय सैनिकों ने LoC पार कर आतंकी लॉन्चपैड नष्ट किए.
ऑपरेशन सिंदूर: इस बार नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो भौगोलिक रूप से फैले थे, जिसमें पंजाब के गहरे इलाके शामिल थे. सुरक्षा विश्लेषक आदिल मीर ने बताया, “भारत ने दो बड़े कदम उठाए—कई ठिकानों को निशाना बनाया और पाकिस्तान के हृदय क्षेत्र में हमला किया. यह 2019 से कहीं आगे है.”
तकनीक का बड़ा इस्तेमाल
ऑपरेशन सिंदूर में SCALP क्रूज मिसाइल, HAMMER प्रिसिजन-गाइडेड बम और लॉइटरिंग ड्रोन्स का उपयोग हुआ. सभी नौ हमले 25 मिनट में पूरे किए गए. 2019 में केवल एक ठिकाना निशाना बना था, जबकि इस बार 100 किमी तक गहरे आतंकी ढांचे को नष्ट किया गया. निशाने में बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह, कोटली का मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप शामिल थे.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हमले से 24 घंटे पहले कहा था, “अगर भारत हमला करता है और पाकिस्तान के अस्तित्व को खतरा होता है, तो कोई नहीं बचेगा.” भारत ने इस धमकी को नजरअंदाज कर अपनी सैन्य ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया. यह 1971 के युद्ध के बाद पहली बार है जब तीनों रक्षा सेवाओं ने एक साथ कार्रवाई की.