ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक्शन में भारतीय रेलवे, सभी कर्मियों को लिए जारी किया एडवाइजरी

Published on: 08 May 2025 | Author: Princy Sharma
Railway Ministry Issues Advisory: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर रखते हुए रेल मंत्रालय ने अपने कर्मियों को एक महत्वपूर्ण सुरक्षा सलाह जारी की है. सलाह में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा संवेदनशील सैन्य-संबंधी जानकारी निकालने के संभावित प्रयासों के बारे में चेतावनी दी गई है.
रेलवे बोर्ड के संदेश के अनुसार, पाकिस्तानी ऑपरेटिव सैन्य ट्रेन की आवाजाही के बारे में confidential details मांगने की कॉल करने वाले के रूप में सामने आ सकते हैं. अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे unauthorized व्यक्तियों के साथ इस तरह के डेटा को साझा न करें.
नामित सैन्य रेलवे कर्मचारियों के अलावा ऑथराइज्ड व्यक्तियों को जानकारी का कोई भी खुलासा सुरक्षा का उल्लंघन माना जाएगा और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना जाएगा. मिलिट्री रेलवे, भारतीय रेलवे की एक स्पेशल ब्रांच है ऑपरेशन के दौरान सशस्त्र बलों को रसद सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है, जो इसे देश के रक्षा बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाता है.
हवाई अड्डों ने यात्रियों के लिए सलाह जारी
रेलवे अधिकारियों को सतर्क रहने, सख्त संचार प्रोटोकॉल का पालन करने और किसी भी संदिग्ध संपर्क की तुरंत रिपोर्ट करने की सलाह दी गई है. इससे पहले बुधवार को भारत के कई हवाई अड्डों ने यात्रियों के लिए सलाह जारी की थी, जब भारत ने आतंकी ढांचे को खत्म करने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ ठिकानों पर रात भर सटीक हमले किए थे.
165 से ज्यादा फ्लाइट हुई रद्द
इंडिगो ने हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण अमृतसर और श्रीनगर सहित विभिन्न घरेलू हवाई अड्डों से 165 से अधिक उड़ानों को रद्द करने की घोषणा की. जिन यात्रियों की उड़ानें प्रभावित हुई हैं, वे अपनी बुकिंग को अगली उपलब्ध उड़ान में पुनर्निर्धारित कर सकते हैं या बिना किसी अतिरिक्त लागत के अपनी बुकिंग रद्द करने का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें पूर्ण धनवापसी की प्रक्रिया शामिल है.
ऑपरेशन सिंदूर
बुधवार को सुबह 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा समन्वित प्रयास किया गया, जिसमें पाकिस्तान के साथ-साथ पीओके में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के ठिकानों जैसी प्रमुख सुविधाओं को निशाना बनाया गया. भारत की सैन्य कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद हुई, जिसमें 22 अप्रैल को 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने स्वीकार किया कि भारत के मिसाइल हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए.