हैदराबाद में BJP कार्यकर्ताओं ने कराची बेकरी में की जमकर तोड़फोड़, नाम बदलने की मांग पर अड़े, पुलिस ने दर्ज की FIR

Published on: 12 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कराची बेकरी की एक शाखा पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर तोड़फोड़ की. तेलंगाना पुलिस के अनुसार, शनिवार दोपहर 3 बजे शमशाबाद स्थित बेकरी पर प्रदर्शन के दौरान यह घटना हुई. प्रदर्शनकारी बेकरी का नाम बदलने की मांग कर रहे थे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हैदराबाद पुलिस का कहना है कि ये हमला कराची बेकरी की शमशाबाद शाखा पर हुआ. आरजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर के. बालराजू ने कहा, “बेकरी के किसी कर्मचारी को नुकसान नहीं पहुंचा. कोई गंभीर क्षति नहीं हुई.” उन्होंने आगे बताया, “हम घटना के कुछ मिनटों बाद मौके पर पहुंचे और राजनीतिक संगठन के सदस्यों को तितर-बितर कर दिया.”
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज की FIR
इस घटना के मद्देनजर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 126(2) (गलत तरीके से रोकना) और 324(4) (संपत्ति को नुकसान पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस इंस्पेक्टर बालराजू ने कहा, “प्रदर्शनकारियों ने बेकरी का बोर्ड क्षतिग्रस्त कर दिया.” हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
जानें कराची बेकरी का भारतीय इतिहास?
कराची बेकरी का नाम भले ही पाकिस्तान के कराची शहर से प्रेरित हो, लेकिन यह पूरी तरह से भारतीय परिवार द्वारा संचालित है। यह परिवार विभाजन के दौरान हैदराबाद आया था. साल 1953 में हैदराबाद के मोजमजाही मार्केट में स्थापित बेकरी की स्थापना हुई थी. बेकरी के मैनेजर ने बताया कि ,“हम एक भारतीय प्रतिष्ठान हैं. हमें पाकिस्तानी ब्रांड नहीं कहा जा सकता.” हैदराबाद में बेकरी की 24 शाखाएं हैं, और यह दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों में भी मौजूद है. इसकी फ्रूट बिस्किट और उस्मानिया बिस्किट विशेष रूप से फेमस हैं.
पहले भी हो चुके हैं हमले
यह पहली बार नहीं है जब कराची बेकरी निशाना बनी है. पिछले हफ्ते संघर्ष के चरम पर, बंजारा हिल्स शाखा पर प्रदर्शनकारियों ने तिरंगा लगाया था. साल 2019 में पुलवामा हमले के दौरान भी बेकरी पर तोड़फोड़ हुई थी. जिसमें बेकरी के मालिक, राजेश और हरीश रामनानी, ने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से सुरक्षा की मांग की थी.