'घाटी में विस्फोट से उड़ाए जाएं घर', आतंकियों के खिलाफ एक्शन के बाद कश्मीरी नेताओं ने केंद्र से क्यों की अपील?

Published on: 27 Apr 2025 | Author: Mayank Tiwari
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों के तहत आतंकियों के घरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई तेज हो गई है. हालांकि, कश्मीरी संगठनों के नेताओं ने इस अभियान पर चिंता जताई है, उनका कहना है कि इससे निर्दोष परिवार, विशेष रूप से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग प्रभावित हो रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार (27 अक्टूबर) को बांदीपोरा, पुलवामा और शोपियां जिलों में तीन सक्रिय आतंकियों के घर ढहाए गए. पहलगाम हमले के बाद से अब तक नौ आतंकियों और उनके समर्थकों के घरों को ध्वस्त किया जा चुका है.
निर्दोष कश्मीरी परिवारों को दंडित न करें- मीरवाइज उमर फारूक
इस बीच हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने केंद्र सरकार से इस कार्रवाई को "अंधाधुंध" न करने की अपील की. उन्होंने ट्वीट किया, "कश्मीरी सामूहिक रूप से पहलगाम के जघन्य अपराध की निंदा करते हैं और इसके अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी है, लेकिन अंधाधुंध गिरफ्तारियां और सोशल मीडिया पर घरों व मोहल्लों को तोड़े जाने के वीडियो परेशान करने वाले हैं. मैं अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि निर्दोष पीड़ितों के लिए न्याय की खोज में निर्दोष कश्मीरी परिवारों को दंडित न करें."
निर्दोषों पर पड़ रहा प्रभाव
जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ नेता और जस्टिस डेवलपमेंट फ्रंट के संस्थापक शमीम अहमद ठोकर ने घरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ठोकर ने वैकल्पिक तरीकों पर विचार करने की सलाह दी. उन्होंने कहा, "हम भारतीय हैं और पहलगाम हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं. लेकिन आतंकियों के घरों को उड़ाने की यह कार्रवाई, जो पड़ोसी इलाकों को भी प्रभावित करती है, बंद होनी चाहिए. मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से इसे रोकने की अपील करता हूं, क्योंकि इन विस्फोटों से पूरा इलाका दहशत में है. जिसके कारण महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे काफी डर में जी रहे हैं.
जानिए पहलगाम हमले का दिन क्या-क्या हुआ?
बीते 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसारन घाटी, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से जाना जाता है. वहां पर हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक पाकिस्तान आधारित आतंकी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. फिलहाल, सुरक्षा एजेंसियों ने संदिग्धों, जिनमें एक स्थानीय आतंकी भी शामिल है, उसकी पहचान कर ली है. इसके बाद आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की गई, जिसमें उनके घरों को ध्वस्त करना, ठिकानों पर छापेमारी और सैकड़ों समर्थकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शामिल है.