हर नापाक इरादे पर नजर, इसरो के 10 सैटेलाइट चौबीसों घंटे भारत की सुरक्षा में तैनात

Published on: 12 May 2025 | Author: Gyanendra Sharma
रविवार को इम्फाल में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू) के 5वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक उद्देश्यों के लिए कम से कम 10 उपग्रह चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आप सभी हमारे पड़ोसियों के बारे में जानते हैं. अगर हमें अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है, तो हमें अपने उपग्रहों के माध्यम से सेवा करनी होगी. हमें अपने 7,000 किलोमीटर के समुद्री तट क्षेत्रों की निगरानी करनी होगी. हमें पूरे उत्तरी भाग पर लगातार नजर रखनी होगी. उपग्रह और ड्रोन तकनीक के बिना हम यह हासिल नहीं कर सकते.
पहलगाम हमले के जवाबी कार्रवाई में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया. जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें रोककर बेअसर कर दिया गया. शनिवार को दोनों देशों ने ज़मीन, हवा और समुद्र पर सभी सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोकने पर सहमति जताई.
अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों के बारे में बोलते हुए इसरो के अध्यक्ष ने कहा कि चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं के साक्ष्य खोजे हैं, जिससे भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक "जीवंत अंतरिक्ष शक्ति" बन रहा है और 2040 तक उसका पहला अंतरिक्ष स्टेशन होगा. उन्होंने कहा कि भारत ने 34 देशों के लिए 433 उपग्रहों को प्रक्षेपित कर उनकी कक्षा में स्थापित किया है.
वी नारायणन ने यह भी कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत की आपातकालीन प्रतिक्रिया में काफी सुधार हुआ है. उन्होंने कहा, पहले आपदाओं के दौरान हज़ारों लोग अपनी जान गंवा देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होता. भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अब टेलीमेडिसिन, शिक्षा, मौसम पूर्वानुमान और टीवी प्रसारण सहित कई क्षेत्रों में मदद करती है, तथा यह राष्ट्रीय सुरक्षा और रोजमर्रा की नागरिक जरूरतों दोनों के लिए उपयोगी है.