Non-Veg Milk: क्या दूध भी अब Non-Veg हो गया? क्यों भारत-अमेरिका ट्रेड डील में बन रहा है रोड़ा

Published on: 16 Jul 2025 | Author: Babli Rautela
Non-Veg Milk: भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में डेयरी सेक्टर एक बड़ा विवाद बनकर उभरा है. अमेरिका भारत के विशाल डेयरी बाजार में अपनी पैठ बनाना चाहता है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वह 'नॉन-वेज मिल्क' को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा. यह मुद्दा केवल आर्थिक नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनशीलताओं से गहराई से जुड़ा है. आइए, समझते हैं कि नॉन-वेज मिल्क क्या है और यह भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में क्यों अटक गया है.
नॉन-वेज मिल्क उस दूध को कहा जाता है, जो उन गायों से प्राप्त होता है जिन्हें मांस, खून, या दूसरों पशु-आधारित चीजें खिलाई जाती हैं. द सिएटल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में गायों को ऐसा चारा दिया जाता है जिसमें सूअर, मछली, मुर्गी, घोड़े, और यहां तक कि कुत्ते या बिल्ली के अवशेष भी शामिल हो सकते हैं. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, 'गायों को प्रोटीन के लिए सूअर और घोड़े का खून, और मोटा होने के लिए पशु वसा दी जाती है'. यह प्रथा भारत की शाकाहारी और धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है, जहां गाय को पवित्र माना जाता है और दूध का उपयोग न केवल भोजन में, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों में भी होता है.
क्या है नॉन-वेज मिल्क?
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट (GTRI) के अजय श्रीवास्तव ने कहा, 'कल्पना कीजिए कि आप उस गाय के दूध से बना मक्खन खा रहे हैं, जिसे दूसरी गाय का मांस और खून खिलाया गया हो. भारत इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा.' भारत में दूध, घी, दही, और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद रोजमर्रा की जिंदगी और पूजा-पाठ का अभिन्न हिस्सा हैं. ऐसे में नॉन-वेज मिल्क का आयात भारतीय उपभोक्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है.
भारत की सख्त शर्तें
भारत ने साफ कर दिया है कि वह केवल उन डेयरी प्रोडक्ट का आयात स्वीकार करेगा, जिनके लिए सख्त प्रमाणीकरण हो कि दूध उन गायों से आया है, जिन्हें पशु-आधारित चारा नहीं खिलाया गया. यह शर्त भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखते हुए रखी गई है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया 'डेयरी पर कोई समझौता नहीं होगा. यह हमारी गैर-परक्राम्य रेड लाइन है,'. भारत में डेयरी सेक्टर 80 मिलियन से अधिक छोटे किसानों को रोजगार देता है और 1.4 बिलियन लोगों की खाद्य जरूरतों को पूरा करता है.
भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, जिसका डेयरी बाजार $16.8 बिलियन का है. अमेरिका इस बाजार में सस्ते डेयरी उत्पादों के साथ प्रवेश चाहता है, लेकिन भारत को डर है कि इससे स्थानीय किसानों को भारी नुकसान होगा. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि डेयरी सेक्टर को अमेरिकी आयात के लिए खोल दिया गया, तो दूध की कीमतों में 15% की गिरावट हो सकती है, जिससे सालाना 1.03 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा.