'मैं सबसे पहले भारत की सेना को सैल्यूट करता हूं...', ऑपरेशन सिंदूर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले PM मोदी

Published on: 12 May 2025 | Author: Gyanendra Tiwari
PM Modi Press Conference on Operation Sindoor: पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. उन्होंने सबसे पहले कहा कि वह देश की सेनाओं को सशस्त्र बलों को सैल्यूट करता हूं. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, "हम सभी ने पिछले कुछ दिनों में देश की क्षमता और धैर्य को देखा है. मैं सशस्त्र बलों, सेना, खुफिया एजेंसी और वैज्ञानिकों को सलाम करता हूं."
#WATCH | #OperationSindoor | In his address to the nation, PM Modi says, "We all have seen the capability and patience of the country in the last few days. I salute the armed forces, the military, the intelligence agency and the scientists...." pic.twitter.com/gzjEBjvwOC
— ANI (@ANI) May 12, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा, "हाल के दिनों में देश ने अपनी ताकत और संयम दोनों का परिचय दिया. मैं सबसे पहले भारत की वीर सेनाओं, हमारी खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों को हर भारतीय की ओर से नमन करता हूं. हमारे बहादुर सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अद्भुत साहस दिखाया. मैं इस वीरता और पराक्रम को देश की हर मां, बहन और बेटी को समर्पित करता हूं. 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने जो क्रूरता दिखाई, उसने पूरे देश और दुनिया को हिला दिया. छुट्टियां मना रहे निर्दोष लोगों को उनके धर्म के आधार पर उनके परिवार और बच्चों के सामने बेरहमी से मार दिया गया. यह आतंक का बेहद डरावना रूप था. यह क्रूरता थी और देश की एकता को तोड़ने की शर्मनाक कोशिश थी. मेरे लिए यह व्यक्तिगत रूप से बहुत दुखद था."
आंतकियों को मिट्टी में मिलाने के लिए सेना को दी खुली छूट- PM मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, "इस आतंकी हमले के बाद पूरा देश, हर नागरिक, हर समाज और हर राजनीतिक दल एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए खड़ा हो गया. हमने आतंकवादियों को खत्म करने के लिए भारतीय सेनाओं को पूरी आजादी दे दी. अब हर आतंकी और आतंकी संगठन समझ चुका है कि हमारी बहनों और बेटियों को नुकसान पहुंचाने की सजा क्या होती है. उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि यह देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं का प्रतीक है. यह न्याय की मजबूत प्रतिज्ञा है. 6 मई की रात और 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को हकीकत में बदलते देखा."