Vikram Misri Trolling: 'आप पर गर्व है', ट्रोलिंग के बीच विक्रम मिसरी को मिला अपार समर्थन, नेताओं से लेकर जनता तक खूब बरसा रहे प्यार

Published on: 12 May 2025 | Author: Ritu Sharma
Vikram Misri Trolling: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. ट्रोल्स ने न सिर्फ उन्हें बल्कि उनके परिवार, खासकर उनकी बेटियों को भी निशाना बनाया. जैसे ही ट्रोलिंग का सिलसिला शुरू हुआ, कई वरिष्ठ नेताओं और पूर्व राजनयिकों ने मिसरी के समर्थन में खुलकर आवाज उठाई और इस तरह के ऑनलाइन हमलों की कड़ी निंदा की.
बता दें कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ''श्री विक्रम मिसरी एक सभ्य, ईमानदार, मेहनती राजनयिक हैं जो हमारे देश के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं. हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं, यह याद रखना चाहिए और उन्हें कार्यपालिका या वतन-ए-अजीज को चलाने वाले किसी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए.''
वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, ''निर्णय लेना सरकार की जिम्मेदारी है, किसी एक अधिकारी की नहीं.'' उन्होंने आगे कहा, ''कुछ असामाजिक आपराधिक तत्व खुलेआम अधिकारी व उनके परिवार के खिलाफ अभद्र भाषा की सारी सीमाएं लांघ रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार और उसके मंत्री चुप हैं. न कोई समर्थन, न ही कानूनी कार्रवाई की चर्चा.''

पूर्व विदेश सचिव ने जताई नाराजगी
इसके अलावा, पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन राव ने इसे 'बेहद शर्मनाक' बताते हुए कहा, ''भारत-पाक युद्धविराम की घोषणा को लेकर विक्रम मिसरी और उनके परिवार को ट्रोल करना बेहद शर्मनाक है. मिसरी ने दृढ़ संकल्प और पेशेवरता के साथ भारत की सेवा की है. उनकी आलोचना का कोई आधार नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''अपनी बेटी के साथ छेड़छाड़ करना और परिवार पर हमला करना शालीनता की हर सीमा को पार करता है. इस जहरीली नफरत को रोकना होगा, हमें अपने राजनयिकों के पीछे खड़ा होना चाहिए, न कि उन्हें तोड़ना चाहिए.''

कूटनीतिक बयान के बाद शुरू हुई ट्रोलिंग
बहरहाल, शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाक के बीच तत्काल युद्धविराम की घोषणा की. इसके कुछ ही घंटों बाद, मिसरी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि दोनों देशों के DGMO ने जमीन, हवा और समुद्र में सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का समझौता किया है. इसी बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें 'देशद्रोही' और 'गद्दार' जैसे शब्दों से ट्रोल किया गया.