सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा: PoK में लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग कैंप, पहलगाम हमले से जुड़े तार

Published on: 04 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने उपग्रह तस्वीरों के जरिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक आतंकी प्रशिक्षण शिविर का पता लगाया है. इस शिविर को 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जोड़ा जा रहा है, जिसमें 28 लोगों की जान गई थी. ‘जंगल मंगल शिविर’ नामक यह सुविधा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मैनसेहरा जिले के अटार सिसा शहर में स्थित है. खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह शिविर लंबे समय से एलईटी आतंकियों के प्रशिक्षण का प्रमुख केंद्र रहा है. तस्वीरों में शिविर में रहने की जगह, मस्जिद, अतिथि सभागार और विदेशी आतंकियों के लिए प्रशिक्षण मैदान दिखाई देता है. पास में एक सैन्य भवन भी है, जो पाकिस्तानी सेना के संभावित समर्थन की ओर इशारा करता है.
हथियार ट्रेनिंग और रणनीतिक बैठकों का अड्डा
शिविर में एक बड़ा खुला मैदान है, जिसे हथियार ट्रेनिंग और शारीरिक अभ्यास के लिए उपयोग किया जाता है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस शिविर पर लगातार नजर रख रही हैं, जो आतंकियों को भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के लिए तैयार करता है. सूत्रों ने बताया कि शिविर के फागला बीआर स्थान पर लश्कर कमांडरों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच उच्च-स्तरीय बैठकें होती हैं. लश्कर प्रमुख हाफिज सईद भी समय-समय पर इन बैठकों में शामिल होता है.
पहलगाम हमले का दर्दनाक सच
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बाइसारन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए. मृतकों में महाराष्ट्र के 6, कर्नाटक और गुजरात के 3-3, पश्चिम बंगाल के 2, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और नेपाल के 1-1 पर्यटक शामिल थे. एक स्थानीय घोड़ा गाइड भी मारा गया. इस नरसंहार की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक प्रॉक्सी संगठन है.
भारत की कार्रवाई और वैश्विक अपील
भारतीय अधिकारियों का मानना है कि हमलावरों को जंगल मंगल शिविर में प्रशिक्षण मिला होगा. इस खुलासे ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण कर दिया है. भारत ने पीओके पर निगरानी बढ़ा दी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.