Tamil Nadu custodial death: 'ब्रेन, हार्ट और पेट में गहरी चोटें...,' पुलिस हिरासत में मौत मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले कई राज

Published on: 04 Jul 2025 | Author: Princy Sharma
Tamil Nadu Custodial Death: तमिलनाडु के सिवागंगा में 27 वर्षीय बी अजित कुमार की हिरासत में हुई मौत का मामला गर्माता जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उन सभी आशंकाओं को सही साबित कर दिया है, जिनमें अजित को हिरासत में प्रताड़ित किए जाने की बात कही जा रही थी. रिपोर्ट में अजित के शरीर पर एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों बाहरी चोटों के निशान मिले हैं, जो सीधे तौर पर हिरासत में क्रूर यातना की ओर इशारा करते हैं.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, अजित के दिमाग, दिल और पेट के अंदरूनी हिस्सों में भी ब्लीडिंग के साफ संकेत मिले हैं. यह दर्शाता है कि उसे सिर्फ बाहर से ही नहीं, बल्कि अंदरूनी तौर पर भी गंभीर चोटें लगी थीं. हालांकि, रिपोर्ट में अभी तक मौत का सटीक कारण नहीं बताया गया है और इसके लिए आगे हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच का इंतजार किया जा रहा है. यह सवाल बना हुआ है कि इन गंभीर चोटों के बावजूद मौत का कारण क्यों स्पष्ट नहीं किया गया है.
18 घंटे बाद हुआ पोस्टमार्टम
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अजित को 28 जून को रात 11:15 बजे सरकारी अस्पताल में मृत लाया गया था, लेकिन उसका पोस्टमार्टम अगले दिन यानी 29 जून को शाम 5:45 बजे से रात 9:20 बजे तक, 18 घंटे से भी अधिक समय बाद किया गया. यह पोस्टमार्टम सामान्य कामकाजी घंटों के बाद, देर शाम को शुरू हुआ और तीन घंटे से अधिक समय तक चला. अस्पताल प्रशासन और फॉरेंसिक सर्जनों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पोस्टमार्टम में इतनी देरी क्यों की गई? क्या किसी सबूत को मिटाने या छिपाने की कोशिश की जा रही थी?
मदुरै मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, अजित कुमार के माथे, दाहिने गाल, भौं, दाहिने पैर, बाईं कोहनी, बांह, कलाई, टखने और ऊपरी छाती पर गहरे लाल रंग की खुरचनी (एब्रेजन) के कई निशान थे. उसके सिर के दाहिने और बाएं दोनों तरफ भी चोटें दर्ज की गईं. रिपोर्ट में इन चोटों का डिटेल 44 अलग-अलग बिंदुओं में दिया गया है, जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं कि अजित को कितनी बेरहमी से पीटा गया था.
दिल के पिछले हिस्से में ब्लीडिंग
आंतरिक जांच में, अजित के दिमाग के दोनों पैराइटल लोब में पेटेकियल ब्लीडिंग पाए गए और दिमाग के tissue भी सूजे हुए थे, जो सिर में गंभीर चोट का संकेत देते हैं. इसके अलावा, दिल के बाएं वेंट्रिकल की पिछली दीवार और पेट के पास भी ब्लीडिंग पाया गया, जो शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर हुए हमले को दर्शाता है.
क्या डंडे से पीटा गया था?
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अजित के शरीर पर 7 सेमी से 16 सेमी तक लंबी कई सीधी चोटें (लीनियर कंट्यूजन) थीं. ये चोटें कंधों, बाहों, छाती, पीठ, पेट, जांघों, पैरों, हाथों और पैरों पर देखी गईं. रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से अधिकांश निशान समानांतर थे, ओवरलैपिंग थे,और उनमें सेंट्रल पेल जो) दिखाई दे रहे थे. ये निशान अक्सर लाठी या किसी समान वस्तु से की गई पिटाई का संकेत देते हैं, जहां बार-बार एक ही जगह पर या उसके आसपास वार किए जाते हैं.
चेहरे पर भी क्रूरता के निशान
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अजित की बाईं ऊपरी पलक पर गहरे लाल रंग का चोट का निशान था. दोनों कानों पर सूखे खून के धब्बे और दोनों नथुनों व मुंह के दाहिने कोने पर भूरे रंग का तरल पदार्थ भी देखा गया. ये सभी निशान अजित के साथ हुई क्रूरता की कहानी बयां कर रहे हैं.